ओडिशा में चक्रवात यास का असर दिखने लगा है, ओडिशा में तेज हवाएं चल रही हैं और बारिश हो रही है. मौसम विभाग के मुताबिक यास के बहुत तीव्र चक्रवाती तूफान में बदलकर 26 मई की दोपहर उत्तर ओडिशा-पश्चिम बंगाल तटों को बालासोर के आसपास पारादीप और सागर द्वीप के बीच पार करने की संभावना है.
बालासोर जिले के चांदीपुर में जिला प्रशासन मरीन पुलिस के साथ मिलकर मछुआरों के गांवों को खाली करा रहा है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज रहा है.
एनडीआरएफ के अलावा भारतीय नेवी को भी अलर्ट पर रखा गया है. बीते दो दिनों से ही समुद्री इलाके के आसपास मछुआरों को वापस लाने की प्रक्रिया चालू थी. चक्रवात यास के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की 10 और टीमें तैनात की गईं. राज्य में कुल 45 टीमें तैनात हैं.
इलाके के अधिकारी ने बताया कि हम सभी लोगों को दोपहर तक स्कूल और कॉलेज में बनाए गए अस्थायी आश्रय केंद्रों में शिफ्ट कर देंगे. वहां सभी के लिए खाने- पीने का इंतजाम किया गया है. वहां कोविड गाइडलाइन के हिसाब से व्यवस्था की गई है. लोगों से अपील है कि नजदीक के सुरक्षित घरों में पहुंच जाएं.
इन इलाकों में भी खतरा
मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवाती तूफान यास के तीन पूर्वोत्तर राज्यों - असम, मेघालय और सिक्किम को प्रभावित करने की संभावना है, जिसके चलते 26-27 मई को मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बारिश की तीव्रता चक्रवात की चाल पर निर्भर करेगी.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक ट्वीट में कहा, "चक्रवात यास के 26-27 मई को (पूर्वोत्तर) क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है. माननीय गृहमंत्री अमित शाह ने फोन कर असम, सिक्किम और मेघालय की तैयारियों के बारे में जानकारी ली है.
गृह मंत्री अमित शाह ने तूफान यास से निपटने के लिए सोमवार को ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ तैयारियों का जायजा लिया. गृह मंत्री ने उन्हें कोविड के लिए समर्पित अस्पतालों में पावर बैकअप की व्यवस्था करने, ऑक्सीजन उत्पादन केंद्रों और अन्य चिकित्सकीय सुविधाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यह बैठक की और इस दौरान उन्होंने चक्रवाती तूफान यास से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों का आकलन करने के लिए उनसे बातचीत की.
गृह मंत्री ने चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना वाले अस्थायी अस्पतालों सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को नुकसान से बचने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने और अगर आवश्यक हो तो रोगियों को पहले से ही वहां से निकालकर कहीं और शिफ्ट करने की सलाह दी.
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