YES बैंक संकट से बाजार में उथल-पुथल मच गई है. हालांकि सरकार और आरबीआई स्थिति को जल्द नियंत्रित करने का आश्वासन दे रही है, लेकिन अब ऐसी खबर सामने आई है कि YES बैंक में इस संकट का आभास ग्राहकों को पहले ही होने लगा था. इसका पता इस बात से लगता है कि साल 2019 के मार्च से सितंबर के बीच खाताधारों ने 18 हजार करोड़ रुपये ज्यादा की जमा पूंजी बैंक निकाल ली.
YES बैंक को रिजर्व बैंक ने 3 अप्रैल 2020 तक पाबंदी के दायरे में रखा है. इस दौरान बैंक के खाताधारकों को अपने खाते से 50 हजार रुपये से ज्यादा निकालने की अनुमति नहीं होगी.
हालांकि, YES बैंक के प्रशासक प्रशांत कुमार ने कहा है कि RBI ने जो मोरेटोरियम लगाया है उसे 14 मार्च तक हटाया जा सकता है.
7 महीने में बैंक से निकाले गए 18,110 करोड़ रुपये
मार्च 2019 की समाप्ति पर बैंक की कुल जमा राशि 2,27,610 करोड़ रुपये थी. यह राशि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के अंत में घटकर 2,25,902 करोड़ रुपये रह गई. इसके बाद दूसरी तिमाही यानी सितंबर 2019 के अंत में और घटकर 2,09,497 करोड़ रुपये पर आ गई. इन आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2019 से लेकर सितंबर 2019 के बीच जमा राशि में 18,110 करोड़ रुपये की कमी आ गई.
Yes बैंक के सितंबर तिमाही के बाद के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. बैंक ने कहा था कि उसके तीसरी तिमाही के आंकड़ों को जारी करने में देर होगी.
खाताधारकों को हो गया था गड़बड़ी का आभास
दिल्ली के एक खाताधारक ने कहा कि उसे यह आभास होने लगा था कि बैंक में सब कुछ ठीक नहीं है और यही वजह है कि उसने अपना ज्यादातर पैसा बैंक से निकाल लिया. खाते में केवल न्यूनतम राशि ही छोड़ दी थी.
इस ग्राहक ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘‘हम इस बारे में लगातार सुनते रहते थे कि बैंक में कुछ गड़बड़ है. इसलिए बैंक पर निकासी प्रतिबंध लगने से पहले ही हमने अपना पैसा निकाल लिया.’’
एक अन्य ग्राहक ने कहा कि बैंक में हमारी बहुत कम जमा है. इसको लेकर ज्यादा चिंतित नहीं है क्योंकि बैंक जमा बीमा राशि बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है. कुछ अन्य ग्राहकों ने भी कहा कि उन्होंने बैंक से अपना पैसा निकाल लिया है इसलिये उन्हें कोई चिता नहीं है.
एक महिला खाताधारक काफी शांत दिखी और उसने विश्वास जताते हुये कहा कि सरकार ने और रिजर्व बैंक ने काफी तेजी से कदम उठाया है और अब चिंता की कोई बात नहीं है. उसने चेक के जरिये बैंक से 50 हजार रुपये निकाले हैं और इसमें उसे कोई समस्या आड़े नहीं आई.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)