यूपी में अब पर्यटन स्थलों तक पहुंचना और भी आसान होगा. जीहां, यूपी की योगी सरकार अब सूबे के सभी पर्यटन स्थलों को हेलिकॉप्टर सेवा से जोड़ने जा रही है. योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सभी पर्यटन स्थलों को जल्द से जल्द हेलिकॉप्टर सेवा से जोड़ने के आदेश दिए हैं. सरकार के मुताबिक, यह कदम उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है.
पर्यटन पुलिस में होंगी 500 भर्तियां
योगी ने निर्देश दिए हैं कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये विशेष प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि पर्यटकों को बेहतर सुविधा और सुरक्षा देने के लिये 200 महिला पर्यटन पुलिस सहित कुल 500 पर्यटन पुलिस की व्यवस्था के लिए तत्काल प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाये.
योगी ने कहा, ‘‘प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थलों - लखनऊ, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, प्रयाग, विन्ध्याचल, नैमिषारण्य, चित्रकूट, कुशीनगर और वाराणसी के साथ प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को हेलीकॉप्टर वायुसेवा द्वारा नागरिक उड्डयन विभाग के माध्यम से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सहभागिता से आपस में जोड़ा जाए.’’
उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ‘रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम' के तहत आगरा-लखनऊ-वाराणसी एवं लखनऊ-इलाहाबाद-गोरखपुर को सम्मिलित कर सस्ती वायुसेवा प्रारम्भ की जाए.
टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए होगी ट्रेनिंग
सीएम योगी ने कहा कि चिकित्सा और योग के जरिए सूबे में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए. उन्होंने कहा कि अगले 100 दिन में पर्यटन कारोबारियों के साथ सेमिनार आयोजित कर पर्यटन विकास पर परिचर्चा कराने के साथ-साथ पर्यटन सेवाओं से जुड़े एक हजार सेवा प्रदाताओं-टूरिस्ट गाइड, ढाबा और रेस्तराओं के कर्मी, कुली, ऑटो ड्राइवरों और स्मारकों पर तैनात सुरक्षाकर्मियों की क्षमता बढ़ाने के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन पर्यटन विभाग के प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से कराने के निर्देश दिये हैं.
उन्होंने पर्यटन विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित टूरिस्ट हेल्पलाइन 1364 की क्षमता को इंप्रूव करने के भी निर्देश दिये. साथ ही पर्यटन विभाग द्वारा वाराणसी-विंध्याचल, इलाहाबाद, चित्रकूट, मथुरा-वृंदावन, लखनऊ, अयोध्या, बौद्ध सर्किट आदि की आकर्षक वेबसाइट बनाने के निर्देश दिये.
यूपी बनेगा मेडिकल एंड वेलनेस टूरिज्म डेस्टिनेशन
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को मेडिकल एंड वेलनेस टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किये जाने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनायी जाए. पर्यटन के क्षेत्र में प्रतिवर्ष चार हजार करोड़ रुपये के पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु विस्तृत कार्य योजना बनायी जाये. उन्होंने अर्धकुम्भ-2019 में लगभग 10 करोड़ भारतीय श्रद्धालुओं और पर्यटकों के अलावा चार लाख विदेशी पर्यटकों के अनुमानित आगमन को ध्यान में रखते हुये आवश्यक व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)