यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार सूबे की पिछली सरकार के फैसलों को बदलने की मुहिम पर जोर दे रहे हैं. इस बार योगी सरकार ने यूपी में अल्पसंख्यक कोटा खत्म करने का मन बना लिया है. समाजवादी सरकार के दौरान प्रदेश की 85 योजनाओं में अल्पसंख्यकों को 20 प्रतिशत कोटा दिए जाने के फैसले को योगी सरकार पलट सकती है.
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अध्ययन कर रहे हैं,जो आवश्यक होगा उसे आगे बढ़ाएंगे, जो अनावश्यक होगा उसे हटाएंगे.
जल्द आ सकता है प्रस्ताव
मौजूदा समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने इस कोटे को खत्म करने की सहमति दे दी है. उन्होंने कहा, “योजनाओं में कोटा देना उचित नहीं है. हम इसे समाप्त करने के पक्षधर हैं. योजनाओं से बिना भेदभाव के सभी का विकास होना चाहिए”. इस प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने ले जाया जाएगा, जहां इसे स्वीकृति मिलने की पूरी उम्मीद है.
योगी सरकार में एक मात्र मुस्लिम मंत्री मोहसिन रजा का कहना है- जरूरत के हिसाब से चीज पहुंचना चाहिए, ना कि बिना वजह के कोटा तय कर दें. जायज तरह से अल्पसंख्यकों को लाभ पहुंचेगा.
85 योजनाओं पर लागू है कोटा
अखिलेश सरकार ने जिन योजनाओं पर अल्पसंख्यक कोटा देने की शुरुआत की थी उनमें ज्यादातर समाज कल्याण और ग्राम विकास विभाग की हैं. कृषि, गन्ना विकास, लघु सिंचाई, उद्यान, पशुपालन, कृषि विपणन, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, लोक निर्माण, सिंचाई, ऊर्जा, लघु उद्योग, खादी ग्रामोद्योग, रेशम विकास, पर्यटन, बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, युवा कल्याण, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, पिछड़ा वर्ग कल्याण, व्यावसायिक शिक्षा, समाज कल्याण, विकलांग कल्याण, महिला कल्याण, दुग्ध विकास, समग्र ग्राम विकास में कोटा का लाभ अल्पसंख्यकों को मिल रहा है.
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