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वाईएसआर कांग्रेस के पांच सांसदों ने दिया इस्तीफा, धरने पर बैठे

अब तक देश के 29 राज्यों में से अब तक 11 राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिल चुका है. 

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आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के पांच सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है. पांचों सांसदों ने अपना इस्तीफा लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को सौंप दिया है. वाईएसआर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा ना दे पाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है.

बता दें कि वाईएसआर कांग्रेस के पास लोकसभा में 9 सांसद थे. जिसमें से चार सांसदों ने चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ज्वाइन कर ली थी.

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अब तक देश के 29 राज्यों में से 11 राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिल चुका है. अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और असम को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है.

वाईएसआर कांग्रेस और आंध्र प्रदेश की सत्ता में बैठी टीडीपी लगातार केंद्र सरकार से विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है. इसको लेकर दोनों पार्टियों ने संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी दिया है. वहीं इस मुद्दे पर टीडीपी एनडीए से अलग हो गई है.

लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के कमरे में धरना

वहीं टीडीपी के सांसद भी संसद के बाहर भी लगातार विरोध कर रहे हैं. टीडीपी सांसदों ने विशेष राज्य की मांग को लेकर संसद में चर्चा हो इसके लिए टीडीपी सांसद लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के कमरे में धरने पर बैठ गए हैं. हालांकि सुमित्रा महाजन अपने कमरे में मौजूद नहीं थी.

वाईएसआर कांग्रेस के चीफ का चंद्रबाबू नायडू को चैलेंज

वहीं वाईएसआर कांग्रेस के चीफ जगन मोहन रेड्डी ने कहा है कि हम जो कहते हैं वो करते हैं, वाईएसआर के एमपी ने इस्तीफा दे दिया है. मैं चंद्रबाबू नायडू को चैलेंज करता हूं कि वो भी टीडीपी के सांसदों को भी इस्तीफा के लिए बोले और आंध्र के लोगों के साथ खड़े हों.

क्या है विशेष राज्य का दर्जा?

देश के कई राज्य सामाजिक-आर्थिक वजह से पिछड़े हैं. भौगोलिक बनावट की वजह से कुछ राज्यों में इंडस्ट्री लगाना काफी कठिन होता है. ऐसे राज्यों में बुनियादी ढांचे की कमी होती है. ऐसे में विकास के मामले में ये पिछड़ते चले जाते हैं. इन राज्यों में विकास की सही रफ्तार के लिए केंद्र सरकार की तरफ से विशेष राज्य का दर्जा दिया जाता है. ताकि ये राज्य अन्य राज्यों के साथ चल सके.

राष्ट्रीय विकास परिषद के मुताबिक, वैसे राज्यों को ये दर्जा दिया जा सकता है, जहां संसाधनों की कमी हो, राज्य में प्रति व्यक्त आय कम हो, राज्य की आमदनी कम हो, जनजातीय आबादी का बड़ा हिस्सा हो, पहाड़ी और दुर्गम इलाके में स्थित हो, कम जनसंख्या घनत्व हो या इंटरनेशनल बॉर्डर के पास स्थित हो.

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