ADVERTISEMENTREMOVE AD

जेपी को SC की फटकार- 275 करोड़ जमा कराइए, ‘अच्‍छे बच्‍चे’ बनिए

जेपी के सभी निदेशकों की प्रॉपर्टी ट्रांसफर पर रोक

Published
न्यूज
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सुप्रीम कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स को दो किस्तों में 31 दिसंबर तक 275 करोड़ रुपये जमा करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने जेपी एसोसिएट्स को फटकार लगाते हुए 'एक अच्छे बच्चे की तरह व्यहार' करने की नसीहत दी. अदालत के इस आदेश को जेपी एसोसिएट्स के बायर्स के लिए राहत के तौर पर देखा जा रहा है.

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जेपी के सभी निदेशकों की प्रॉपर्टी के ट्रांसफर पर रोक लगाई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दो किस्तों में जमा करने होंगे पैसे

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने रियल एस्टेट की दिग्गज कंपनी को 275 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जमा कराने को कहा है. इससे पहले भी अदालत ने 275 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था. कोर्ट ने कंपनी को 14 दिसंबर तक 150 करोड़ रुपये और बाकी 125 करोड़ रुपये 31 दिसंबर तक जमा करने का निर्देश दिया.

निजी संपत्ति ट्रांसफर करने पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने पांच प्रमोटरों समेत जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड के सभी 13 निदेशकों को अपनी निजी संपत्ति ट्रांसफर नहीं करने के निर्देश दिए. कोर्ट की बेंच ने निदेशकों के अपने परिजन की संपत्ति ट्रांसफर करने पर भी रोक लगा दी. साथ ही उन्हें आगाह किया कि कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- यमुना एक्सप्रेस-वे का प्रोजेक्ट बेचेगा जेपी, SC से मांगी इजाजत

0

समाधान के लिए वेब पोर्टल तैयार करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने वकील पवन श्री अग्रवाल को इस मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया है. साथ ही कहा है कि एक हफ्ते के अंदर एक वेब पोर्टल तैयार किया जाए, जिसमें परेशान घर खरीदारों की शिकायतों समेत सभी ब्‍योरे हों.

चित्रा शर्मा समेत तमाम घर खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि करीब 32 हजार लोगों ने घर बुक कराया था और अब भी किस्त का भुगतान कर रहे हैं. कोर्ट ने 4 सितंबर को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में रियल एस्टेट फर्म के खिलाफ दिवालिएपन की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.

ये भी पढ़ें- जेपी बिल्डर के खिलाफ SC सख्त, 2000 करोड़ जमा करने का आदेश

जेपी के वकील ने मांगी मोहलत

प्रमोटरों समेत निदेशकों की तरफ से पेश हुये वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और रंजीत कुमार ने कहा कि उन्होंने अदालत के पहले के उस आदेश पर हलफनामा दायर किया है. इसमें निदेशकों से निजी संपत्तियों का विवरण देने को कहा गया था.

वहीं रियल एस्टेट कंपनी जेपी की तरफ से पेश हुये वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके फर्म को रुपयों का इंतजाम करने के लिये पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए, वरना यह मामला भी सहारा के रास्ते पर चला जायेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने घर खरीदारों की याचिका पर अगली सुनवाई 10 जनवरी को तय की है सभी निदेशकों को अगली सुनवाई पर हाजिर रहने को कहा है.

(इनपुटः IANS और PTI से)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×