दलित नेता जिग्नेश मेवाणी गुजरात चुनाव में बनासकांठा की वडगाम सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. बनासकांठा की वडगाम सीट एससी कोटे के तहत आरक्षित है. गौर करने वाली बात ये है कि इस सीट से कांग्रेस ने अब तक अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. इससे पहले अटकलें थीं कि जिग्नेश, ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर की तरह ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, लेकिन अब उनके ऐलान के साथ ही इन अटकलों पर विराम लग गया है.
मेवाणी दूसरे चरण के लिए नामांकन के आखिरी दिन अपना पर्चा दाखिल करेंगे. मेवाणी ने चुनाव मैदान में निर्दलीय उतरने का ऐलान कांग्रेस की तीसरी लिस्ट जारी होने के बाद किया है. कांग्रेस ने रविवार रात दूसरे चरण के चुनाव के लिए 76 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया था.
कांग्रेस ने वडगाम सीट पर नहीं उतारा उम्मीदवार
जिग्नेश मेवाणी ने कांग्रेस का हाथ भले ही न थामा हो लेकिन कांग्रेस ने इस सीट से अपना प्रत्याशी न उतारकर अपना मौन समर्थन दे दिया है. हालांकि, दूसरे चरण के लिए जिन सीटों पर चुनाव होना है उनमें 20 सीटें ऐसी हैं, जहां से कांग्रेस ने उम्मीदवार नहीं उतारा है.
अकेले बनासकांठा की ही बात करें तो कांग्रेस ने यहां की थराड, वडगाम और देवदर सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है.
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कौन हैं जिग्नेश मेवाणी?
जिग्नेश मेवाणी इस बार के गुजरात के चुनावों में हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर के अलावा तीसरा बड़ा चेहरा हैं. जिग्नेश, दलित अधिकार मंच के नेता हैं. साल 2016 में उन्होंने ऊना में एक बड़े लेकिन शांति से चलने वाले आंदोलन का नेतृत्व किया था. दलित अधिकारों के लिए काम करने वाले जिग्नेश मेवाणी ने ऐलान किया था कि दलित समाज के लोग पशुओं का चमड़ा निकालने जैसा गंदा काम नहीं करेंगे.
35 साल के जिग्नेश, कई साल पत्रकारिता भी कर चुके हैं. वो लोगों की नब्ज समझते हैं. सियासत में जनता की नब्ज समझना बड़े काम का साबित होता है. गुजरात में दलितों की आबादी करीब 7 फीसदी है.
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