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कलाम को ये कैसा सलाम: बदहाली में है कब्र

पांच महीने बीत जाने के बाद भी पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम की कब्र को अब तक पक्की छत नसीब नहीं हुई है.

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क्या जिस शख्स ने अपनी अंतिम सांस तक पूरी ईमानदारी से इस देश की सेवा की, उस राष्ट्रसेवक के साथ ऐसा सलूक होना चाहिए?

ये सवाल है देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम के बड़े भाई सलीम का.

देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को गुजरे हुए करीब 5 महीनों का वक्त बीत चुका है. उनके पार्थिव शरीर को रामेश्वरम स्थित उनके गृहनगर में दफनाया गया था.

लेकिन कलाम साहब को कब्र में दफनाए हुए 5 महीने बीतने के बाद भी उनकी कब्र को अब तक एक पक्की छत का इंतजार है. उनकी कब्र पर स्मारक स्थल बनाए जाने के लिए तमिलनाडु सरकार ने जमीन भी आवंटित कर दी. केंद्र सरकार ने भी कई घोषणाएं कर दीं लेकिन अब तक उनके कब्र स्थल पर स्मारक बनाने को लेकर काम शुरू नहीं हुआ है.

फिलहाल कलाम साहब की कब्र के आसपास अस्थायी आश्रय बनाया गया है जिसकी सुरक्षा स्थानीय पुलिस कर रही है. वरिष्ठ पत्रकार और एयरोस्पेस एक्सपर्ट अनंत कृष्णन ने अब्दुल कलाम की क्रब को मेमोरियल बनाने के लिए Justice 4 Guru Kalam की मुहिम शुरु की हैं.

रामेश्वरम एक चक्रवात प्रवण क्षेत्र है और अस्थायी ढांचा कभी भी गिर सकता है. उनकी कब्र पर मजबूत ढांचे के निर्माण में इतनी देरी क्यों हो रही है? इसमें कोई भी रॉकेट साइंस नहीं है.
अनंत कृष्णन, वरिष्ठ एयरोस्पेस विशेषज्ञ और पत्रकार
पांच महीने बीत जाने के बाद भी पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम की कब्र को अब तक पक्की छत नसीब नहीं हुई है.
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (फोटोः AP)

टीन शेड के नीचे सोया है राष्ट्रसेवक

तमिलनाडु सरकार ने कलाम साहब की कब्र पर स्मारक बनाने के लिए डेढ़ एकड़ जमीन आवंटित की है. बीते महीने केंद्रीय मंत्रियों ने तमिलनाडु सरकार के साथ कई प्रस्तावों पर भी चर्चा की थी. हालांकि, अब तक किसी भी घोषणा का कार्यान्वयन होते नहीं दिख रहा है.

कृष्णन कहते हैं, “उनकी मौत के 5 महीने बीत जाने के बाद भी जनता के राष्ट्रपति की कब्र अभी तक टीन की शेड में हैं.”

कब्र स्थल के पास कुत्ते-बिल्लियां गंदगी फैला रहे हैं वहीं कब्र के पास तस्वीरें लेने के लिए लोग बैरीकेड्स को पार कर कब्र तक पहुंच जाते हैं. 
अनंत कृष्णन, वरिष्ठ एयरोस्पेस विशेषज्ञ और पत्रकार

मंदिरों के शहर रामेश्वरम में विशेष तौर पर सप्ताहांत में आगंतुकों की संख्या बढ़ जाती है. कृष्णन का कहना है कि कलाम साहब की कब्र लोगों के लिए लगभग पर्यटन स्थल बन चुकी है.

कृष्णन ने स्थानीय सांसद और विधायक दोनों से बात की लेकिन वह आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं, कृष्णन का कहना है कि इसमें भी राजनीति शामिल की जा रही है.

आरोपों का खेल

एआईजीएमके सांसद अनवर रजा ने वन इंडिया से बात करते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार स्मारक के लिए जमीन आवंटित कर चुकी है और अब इसे बनाने का काम केंद्र सरकार का है.

स्थानीय विधायक डॉ. एमएच जवाहिरूल्लाह का कहना है, “सिर्फ स्मारक ही नहीं बनाया जाना चाहिए. कब्र के अलावा लाइब्रेरी, साइंस सेंटर और हेल्थकेयर सेंटर भी बनाया जाना चाहिए. केंद्र सरकार को इस पर काम करने की जरूरत है.”

डॉ. कलाम का परिवार भी सरकार की इस लापरवाही से बेहद निराश है.

उनके परिवार के कई सदस्य उस जगह को लेकर परेशान थे जहां उन्हें दफनाया गया है. परिवार के लोग चाहते थे कि उन्हें वहां दफनाया जाए, जिस जगह की देखभाल वो लोग करते हैं. लेकिन क्यों कि वह जनता के चहेते थे, इसलिए परिवार उन्हें यहां दफनाने पर सहमत हो गया था. ताकि लोग यहां पर आ सकें और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दे सकें. परिवार अब इस जगह की देखभाल नहीं कर सकता, इसलिए अब इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है.
अनंत कृष्णन, वरिष्ठ एयरोस्पेस विशेषज्ञ और पत्रकार

डॉ कलाम के बड़े भाई सलीम के मुताबिक बीते अक्टूबर में केंद्र सरकार ने कलाम साहब का स्मारक बनाने की घोषणा की थी. इसके लिए रक्षा मंत्रालय के लोगों ने भी कब्र स्थल के पास जगह को चिन्हित किया था. लेकिन अभी तक कोई काम शुरू नहीं हो सका है.

उन्होंने कहा है “कब्र स्थल का रखरखाव ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है. आसपास प्लास्टिक और कागज बिखरे रहते हैं. हम सरकार से सिर्फ इतना ही चाहते हैं कि जितनी जल्दी हो सके स्मारक बनाया जाए.”

वहीं कृष्णन का कहना है कि कलाम साहब की कब्र पर स्मारक बनाने में सरकार की ओर से की जा रही देरी का कारण समझ से परे है. उनका कहना है “हमें उम्मीद है कि सरकार इस पर गौर करेगी और जल्द ही इस पर काम शुरू होगा. हमें उनका सम्मान करना चाहिए.”

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