जम्मू कश्मीर में आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की दूसरी बरसी पर घाटी में तनाव का माहौल है. बरसी को लेकर अलगावादियों ने रविवार को हड़ताल का ऐलान किया था. इसे देखते हुए एक दिन के लिए अमरनाथ यात्रा रोक दी गई है.
प्रशासन की ओर से एहतियाती कदम उठाए गए हैं. घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा सस्पेंड कर दी गई है. संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. इनमें दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल कस्बे और श्रीनगर के नौहट्टा और मैसुमा इलाके पर अधिक नजर रखी गई है.
राज्य के पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य ने शनिवार को इसका ऐलान करते हुए कहा था, 'जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है, हमारी कोशिश तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है. अलगाववादियों ने रविवार (8 जुलाई) को हड़ताल का आह्वान किया है, ऐसे में हमें यात्रा रोकनी पड़ी.'
वैद्य ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सुगमता हमारी प्राथमिकता है. साथ ही उन्होंने तीर्थयात्रियों से अपील है कि घाटी के हालात को ध्यान में रखकर उनके साथ सहयोग करें .
वानी की बरसी से पहले अलगाववादी नेताओं पर प्रशासन ने शिकंजा कसते हुए शनिवार को अलगाववादी नेता यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया था जबकि सैयद अली शाह गिलानी , मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद रखा गया है.
शनिवार को कुलगाम जिले में पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 3 नागरिकों की मौत हो गई थी. इसे लेकर भी कश्मीर में माहौल गरम है.
जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शनकारियों और सेना में झड़प,तीन लोगों की मौत
8 जुलाई को हुआ था बुरहान वानी का एनकाउंटर
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में 8 जुलाई 2016 को हुई एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने त्राल के रहने वाले वानी को मार गिराया था. उसकी मौत के बाद घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुए थे और लंबे समय तक कर्फ्यू लगा रहा था.
करीब चार महीने तक चले विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में करीब 85 लोगों की जान गई थी.
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