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घर वापसी की उम्मीद,कश्मीरी पंडितों ने खास पोलिंग बूथ में वोट दिया

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जगती शिविर (जम्मू), छह मई (भाषा) पिछले तीन दशकों से अपने मूल निवास स्थान से कोसों दूर रह रहे विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने आतंकवाद के खात्मे और शांतिपूर्वक घर वापसी की उम्मीद के साथ सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान किया।

अनंतनाग लोकसभा सीट के पुलवामा जिले के रहने वाले 65 वर्षीय प्यारा लाल पंडिता ने यहां विशेष मतदान केंद्र में वोट डालने के बाद कहा, ‘‘संपूर्ण कश्मीरियत संस्कृति के लिए हम चाहते हैं कि दक्षिण कश्मीर दो गंभीर खतरे से मुक्त हो (आतंकवाद और कट्टरपंथ)।’’

अनंतनाग लोकसभा सीट के लिए तीसरे और अंतिम चरण में सोमवार को पुलवामा और शोपियां जिले में मतदान हुआ। सुरक्षा कारणों से मतदान की गति धीमी रही।

पिछले तीन दशकों से जम्मू, दिल्ली और उधमपुर में निर्वासन में वोट डाल रहे कश्मीरी पंडितों का कहना है कि लगातार कट्टरपंथ और आतंकवाद बढ़ने के कारण कश्मीर की स्थिति बदतर होती जा रही है जिससे कश्मीर घाटी में उनकी वापसी और पुनर्वास की संभावनाएं कमजोर पड़ती जा रही हैं।

शोपियां के रहने वाले अरविंद कौल का कहना है कि 1989- 1990 में घाटी में आतंकवाद उभरने से पहले वहां मौजूद ‘‘संपूर्ण कश्मीरियत’’ जब तक बहाल नहीं होती तब तक उनके समुदाय के लोग अपने घर नहीं लौट सकते हैं।

दक्षिण कश्मीर के त्राल की रहने वाली 21 वर्षीय सुनीता भट्ट ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक समुदाय के पुनर्वास के लिए शांति और सुरक्षा पहली और प्रमुख शर्त है।’’

भाषा

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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