ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोविड-19 : निजामुद्दीन से लौटे लोगों की पहचान करना तेलंगाना के लिए बड़ी चुनौती

कोविड-19 : निजामुद्दीन से लौटे लोगों की पहचान करना तेलंगाना के लिए बड़ी चुनौती

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

हैदराबाद, 31 मार्च (आईएएनएस)| कोरोनावायरस के कारण छह लोगों की मौत के बाद तेलंगाना में अधिकारियों ने मंगलवार को एक गहन अभियान शुरू किया। अधिकारी उन सभी की पहचान करने में लगे हैं, जो नई दिल्ली में तबलीगी जमात की बैठक में शामिल हुए थे, ताकि इन्हें एहतियात के तौर पर एकांतवास में रखा जा सके। चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी से लौटे व्यक्तियों और उनके संपर्कों का पता लगाने के लिए सभी जिलों को सतर्क कर दिया है।

धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने वालों की वापसी के बाद 10 दिनों से अधिक समय बीत चुका है। अब अधिकारियों के सामने उन सभी लोगों की पहचान करने की चुनौती है, जो उनके संपर्क में आए थे।

विभाग ने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मरकज की बैठक में भाग लेने वाले सभी लोगों को संबंधित अधिकारियों को सूचित करने के लिए कहा है। सरकार ने उन्हें यह आश्वासन भी दिया कि वह उनका परीक्षण और मुफ्त इलाज की सुविधा भी मुहैया कराएगी।

विभाग ने कहा कि बैठक में भाग लेने वालों के बारे में जानकारी रखने वाले को सरकार को सतर्क करना चाहिए।

13 से 15 मार्च तक हुई बैठक में भाग लेने वाले लोग 17 और 18 मार्च के बीच हैदराबाद, निजामाबाद और अन्य जिलों में लौट आए थे। निजामुद्दीन मरकज एक ऐसी जगह है, जहां पूरे साल कई राज्यों और विदेशों से लोग आते हैं और रहते हैं। यहां इज्तिमा का आयोजन 21 दिनों के लॉकडाउन से ठीक पहले किया गया था, जिसमें महामारी के प्रकोप के बीच हजारों लोगों की उपस्थिति देखी गई।

इसमें भाग लेने वाले लोगों की संख्या सैकड़ों में हो सकती है। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने रविवार रात एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि केवल कोठागुडेम में ही 200 से 300 लोग दिल्ली से आए थे। उन्होंने कहा कि इन लोगों की पहचान करके एकांतवास में रखा गया है।

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×