इस्लामाबाद, 30 अगस्त (आईएएनएस)| पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को समाप्त करने के मामले में भारतीय राजनैतिक दलों की राय एक जैसी नहीं है, जबकि पाकिस्तान में ऐसा नहीं है।
विदेश मंत्री ने गुरुवार को सीनेट से कहा कि भारत में दस विपक्षी दल श्रीनगर जाना चाहते थे लेकिन उन्हें क्षेत्र में जाने की इजाजत नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों ने साफ कर दिया है कि कश्मीर में कुछ ऐसा हो रहा है जिसे भारतीय सरकार छिपाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को समाप्त करने के भारत सरकार के फैसले के खिलाफ करीब 14 याचिकाएं भारत की शीर्ष अदालत में दायर की गई हैं। इन याचिकाओं पर होने वाले फैसले की कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता लेकिन यह साफ है कि भारतीय सिविल सोसाइटी ने मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ अदालत की शरण ली है।
विदेश मंत्री ने कश्मीर मामले में पाकिस्तान सरकार का साथ देने के लिए देश के विपक्षी दलों को सीनेट में धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने इस मामले में देशभक्ति का सबूत दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले से निपटने के लिए पूरे देश का एक साथ होना जरूरी है।
कुरैशी ने कहा, "निराश होने की जरूरत नहीं है। राष्ट्रों की परीक्षा होती है और वे मुश्किलें झेलते हैं। यह संभव है कि हमारा दुश्मन हमारी आर्थिक स्थिति और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की चुनौतियों के कारण हम पर हमला करने की कोशिश करे, सही है कि उसका संख्या बल हमसे अधिक है लेकिन हमारा इतिहास बताता है कि हमने 313 लोगों की फौज के साथ भी दुश्मन को हराया है।"
कुरैशी जिन 313 लोगों की चर्चा कर रहे थे, वे इस्लाम की पहली जंग में शामिल हुए थे जो अरब के बदर नाम के स्थान पर लड़ी गई थी और जिसमें यह 313 लोग अपने से कहीं बड़ी संख्या वाली फौज के मुकाबले में जीते थे।
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