केरल में केंद्र के नये मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के एक सप्ताह बाद सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और विपक्षी कांग्रेस ने इस संशोधित कानून के तहत लगने वाले भारी भरकम जुर्माने का रविवार को विरोध किया और दोनों ने कहा कि इससे आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
माकपा के प्रदेश सचिव कोडियरी बालकृष्णन ने कहा कि अत्यधिक जुर्माना ‘अतार्किक’ है और इससे भ्रष्टाचार पनपेगा जबकि विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नितला ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत राजग सरकार ने राज्य सरकारों से बिना परामर्श किये एकतरफा ढंग से भारी भरकम जुर्माना लगा दिया है।
बड़े राजनीतिक दलों ने जुर्माने में वृद्धि के विरूद्ध लोगों एवं मजदूर संघों के जबर्दस्त विरोध के आलोक में इस कानून की निंदा की है जो एक सितंबर को प्रभाव में आया।
बालाकृष्णन ने कहा, ‘‘बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की संख्या कम की जानी चाहिए। उसके लिए प्रभावी दखल दी जानी चाहिए। लेकिन भारी-भरकम जुर्माना लगाने से केवल भ्रष्टाचार पनपेगा। सभी बातों को ध्यान में रखकर एम वी अधिनियम में बदालव किया जाना चाहिए।’’
चेन्नितला ने ‘बिना किसी नरमी’ के इस संशोधित कानून को कथित रूप से लागू करने को लेकर वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘ तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे इस संशोधित कानून को लागू नहीं करेंगे, इसलिए राज्य मोटर वाहन विभाग को इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ना उचित नहीं है।’’
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