मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Yojna) में फर्जीवाड़ा सामने आया है. मुरैना की कुछ महिलाओं ने सरकार की तरफ जारी की गई राशि में स्थानीय कियोस्क संचालक पर कथित सेंध मारी का आरोप लगाया है. बता दें कि इस योजना के तहत महिलाओं को एक हजार रुपये की राशि दी जा रही है.
कहां गया 42 महिलाओं का पैसा?
महिलाओं को घर चलाने में परेशानी ना हो और महिला सशक्तिकरण के लिए लाई गई लाड़ली बहना योजना की 42 महिला लाभार्थियों ने बताया कि योजना की किश्त तो जारी हो चुकी है लेकिन उनके खाते में नहीं आई. महिलाओं का आरोप है कि कियोस्क संचालक ने ही सीएम की योजना पर पलीता लगाते हुए 42 महिलाओं की राशि हड़प ली है.
महिलाओं का कहना है कि उनके पास न तो एटीएम कार्ड है और न ही पासबुक है, इसलिए जैसे ही लाड़ली बहना योजना के पैसे की किश्त जारी हुई तो महिलाओं ने बैंक में जाकर आधार कार्ड के जरिए पूछा तो पता चला कि उनके खाते में पैसा आया ही नहीं, बाद में पता चला कि ये पैसा उनके ही किसी अन्य बैंक के खाते में जमा हुआ है और वहां से निकाल भी लिया गया है.
महिलाओं ने जब इस बात की शिकायत कियोस्क संचालक से की तो उसने कथित तौर पर पैसे न देने की धमकी दे डाली. इसके बाद महिलाओं ने इसकी शिकायत संबंधित थाने में की लेकिन थाने की पुलिस ने भी इस पर कोई सुनवाई नहीं की, तभी महिलाओं ने शिकायत के लिए अपर कलेक्टर नरोत्तम भार्गव का रुख किया और उनसे न्याय की गुहार लगाई.
अपर कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
जानकारी के अनुसार, पोरसा जनपद के दीना पुरा गांव की कुछ महिलाओं ने बताया कि, कियोस्क संचालक रवि तोमर ने कुछ समय पहले किसी एक बैंक में सभी का खाता खोला और झूठ बोलकर खाते खोलकर ले गया, जब लाड़ली बहना योजना की राशि आई तो वो पैसे लेने के लिए रवि तोमर के पास पहुंचे तो रवि तोमर ने पैसे देने से इनकार कर दिया.
इसके बाद ही महिलाओं ने कलेक्ट्रेट जा कर शिकायत की. वहीं अपर कलेक्टर नरोत्तम भार्गव ने बताया कि कुछ महिलाओं ने कियोस्क संचालक के खिलाफ शिकायत की है, मामले की जांच की जा रही है, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
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