महाराष्ट्र (Maharashtra) के अकोला में दंगे भड़कने के एक दिन बाद, पुलिस ने अफवाह फैलाने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं, जबकि हिंसा में एक की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए, इसके अलावा कई निजी और सरकारी वाहनों को जला दिया गया.
सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद पोस्ट की वजह से दो समुदायों के बीच झड़प हो गई है. इसके परिणामस्वरूप नारेबाजी, पथराव और आगजनी हुई. रविवार को वहां अतिरिक्त पुलिस बल भी भेजा गया.
अकोला के पुलिस अधीक्षक संदीप एम. घुगे ने कि स्थिति अब सामान्य है, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट के बाद कल हुई हिंसक झड़पों के मद्देनजर हमने लोगों से अफवाहों को न फैलाने या उन पर विश्वास न करने का आग्रह किया है.
उग्र भीड़ को शांत करने के लिए, कलेक्टर नीमा अरोड़ा ने धारा 144 लागू कर दी थी और शहर में किसी भी हथियार को ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था, इसमें हरिहर पेठ इलाके के राजराजेश्वर सेतु में दो फायर ब्रिगेड वैन और घरों को आग लगाने के प्रयास सहित कई वाहनों को जला दिया गया.
घुगे ने कहा, अब तक हमने दंगे के सिलसिले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच जारी है.
रविवार को हुई हिंसा में शामिल कुछ लोगों के अलावा भड़काऊ पोस्ट करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.
उपमुख्यमंत्री और अकोला के संरक्षक मंत्री देवेंद्र फडणवीस रविवार आधी रात के आसपास हिंसा भड़कने के बाद स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और अतिरिक्त बलों को वहां भेजने का आदेश दिया है.
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