2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में कर्नल पुरोहित को जमानत मिल गई है. वो 9 साल से जेल में बंद थे. 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले 25 अप्रैल 2017 को बॉम्बे हाइकोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका रद्द कर दी थी. इसके बाद उनकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में पुरोहित के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि वो पिछले सालों साल से जेल में बंद है लेकिन उसके खिलाफ अभी तक आरोप तय नहीं किए गए. उन्होंने कहा था कि उनके मुवक्किल के खिलाफ पहले ही मकोका के तहत लगाए गए आरोप हटा लिए गए हैं और इसलिए उसे अंतरिम जमानत मिलनी चाहिए.
25 अप्रैल को 2008 के मालेगांव धमाका केस में बॉम्बे हाईकोर्ट से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को पहले ही जमानत मिल चुकी है. हाईकोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर पर लगाई गई मकोका की धारा को भी हटा दिया था.
2008 में हुआ था मालेगांव धमाका
2008 में हुए मालेगांव धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी और तकरीबन 100 लोग जख्मी हो गए थे. 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और पुरोहित के साथ स्वामी दयानंद, अजय राहिरकर, राकेश धावडे, रमेश उपाध्याय, श्यामलाल साहू, शिवनारायण कालसांगरा, सुधाकर चतुर्वेदी, जगदीश म्हात्रे और समीर कुलकणी आरोपी हैं.
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