बेंगलुरु, 24 दिसंबर (भाषा) संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ मंगलुरु में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने कुछ वीडियो क्लिप जारी किए हैं जिनमें कथित तौर पर प्रदर्शनकारी एक ऑटो-ट्रॉली में पत्थर भर कर लाते हुए और उन्हें पुलिसकर्मियों पर फेंकते हुए तथा सीसीटीवी कैमरों को तोड़ने की कथित तौर पर कोशिश करते हुए दिख रहे हैं।
वीडियो में प्रदर्शनकारी अपनी पहचान छिपाने के लिए कपड़ों से अपना चेहरा छिपाए हुए और सबूत मिटाने की कोशिश में सीसीटीवी कैमरों को तोड़ने की कोशिश करते हुए भी दिख रहे हैं।
ये वीडियो फुटेज पिछली रात जारी किए गए जब विपक्षी कांग्रेस और जद (एस) ने दावा किया कि गोलीबारी में मारे गए लोग ‘बेकसूर’ थे और उनका हिंसा से दूर-दूर तक लेना-देना नहीं था।
पूर्व मुख्यमंत्रियों- सिद्धरमैया और एच डी कुमारस्वामी ने मृतकों के परिवार से मुलाकात की और दोनों ने प्रत्येक परिवार के सदस्यों को पांच-पांच लाख रुपये का चेक दिया।
यह उस 10 लाख रुपये के अनुदान से अलग था जो राज्य सरकार की तरफ से उन परिवारों को दिया गया जिन्होंने पिछले बृहस्पतिवार पुलिस गोलीबारी में अपने प्रियजन खोए थे।
गृहमंत्री बसावराज बोम्मई ने घोर हिंसा में भी कथित रूप से अधिकतम संयम रखने के लिए पुलिस की प्रशंसा की और ‘शरारती लोगों’ को मासूम कहने पर विपक्ष के नेताओं पर निशाना साधा।
बोम्मई ने कहा, “मीडिया के लोगों द्वारा और सीसीटीवी कैमरा में कैद वीडियो में दिख रहा है कि (मंगलुरु में) कैसे बड़े पैमाने पर पत्थरबाजी की गई।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “ सोचे-समझे तरीके से, लोगों ने अपने चेहरे छिपा कर रखे थे, सीसीटीवी कैमरों को तोड़ा और संगठित तरीके से आगजनी और लूट की। उन्होंने पथराव भी किया और पेट्रोल बम का भी इस्तेमाल किया।”
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील ने कहा कि पुलिस द्वारा जारी वीडियो, “कश्मीर में हिंसक प्रदर्शनों की बुरी याद दिलाते हैं जहां युवा बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरते हैं और पुलिस पर पत्थर फेंकने लगते हैं।”
यहां भाजपा मुख्यालय में सीएए पर कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कटील ने संवाददाताओं से कहा, “जब पुलिस के हाथ से चीजें बाहर हो गईं तभी गोलियां चलाई गईं।”
यह कहते हुए कि अब सच सामने आया गया है, उन्होंने पूरी हिंसा को पूर्वनियोजित बताया और विपक्ष पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया।
इस बीच, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने प्रदर्शनकारियों के चेहरा ढंकने को उचित ठहराया।
कांग्रेस कार्यालय में संवाददाताओं से राव ने कहा, “प्रदर्शनकारियों के पास चेहरा ढंकने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ दिए थे।”
सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद पिछले बृहस्पतिवार को मंगलुरु में पुलिस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई थी जिसके बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था और इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी।
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