ट्विटर अकाउंट बालाजी की जै नाम से चल रहे सोशल मीडिया अकाउंट पर जुबैर की चार साल पुरानी आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर दिल्ली पुलिस को सतर्क किया था।
आरोपी जुबैर ने एक पुरानी हिंदी फिल्म के स्क्रीनग्रैब का इस्तेमाल किया था, जिसमें एक होटल की तस्वीर दिखाई दे रही थी, जिसके बोर्ड पर हनीमून होटल के बजाय हनुमान होटल लिखा हुआ था।
शिकायतकर्ता यानी ट्विटर यूजर ने दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए लिखा था, हमारे भगवान हनुमान जी को हनीमून से जोड़ना हिंदुओं का सीधा अपमान है क्योंकि वह ब्रह्मचारी हैं। कृपया इसके खिलाफ कार्रवाई करें।
शिकायत पर गौर करते हुए पुलिस ने प्राथमिकी में कहा कि जुबैर द्वारा एक विशेष समुदाय के खिलाफ ट्वीट में इस्तेमाल किए गए शब्द और तस्वीरें अत्यधिक उत्तेजक और लोगों में नफरत की भावना को भड़काने के लिए पर्याप्त से अधिक हैं, जो सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए हानिकारक हो सकता है।
यह एकमात्र ट्वीट था जो उक्त अकाउंट से किया गया था जिसके कारण अंतत: जुबैर की गिरफ्तारी हुई और दिलचस्प बात यह है कि उक्त अकाउंट अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद नहीं है।
मंगलवार को जुबैर की सुनवाई के दौरान इस अकाउंट की सत्यता का मामला भी सामने आया। उनकी वकील अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने कहा था कि अगर किसी गुमनाम ट्विटर हैंडल ने देश का माहौल बिगाड़ने का फैसला किया है, तो उन कारणों की जांच की जानी चाहिए।
अभियोजक ने अपने जवाब में कहा कि उक्त अकाउंट यूजर केवल एक मुखबिर है। अभियोजक ने जवाब दिया, वह एक गुमनाम शिकायतकर्ता नहीं है। उसका विवरण यहां है। विवरण के बिना, किसी को भी ट्विटर अकाउंट नहीं मिल सकता है।
--आईएएनएस
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