विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने भिलाई के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ललकारते हुए कहा, मोटा भाई, रात 12 बजे जीएसटी पर कानून बना सकते हो, मुसलमान औरतों के लिए तीन तलाक का कानून बना सकते हो, तो गोरक्षा कानून क्यों पास नहीं करा सकते.
उन्होंने मोदी को चेतावनी दी, यदि नहीं कर सकते, तो हटने के लिए तैयार रहो और अगर कानून बनाते हो, तो अगली बार झंडा लेकर हम सरकार बनवाएंगे.
पीएम को हाथ से खाना बनाकर खाना खिलाया है
भिलाई में विहिप के गोरक्षा विभाग की ओर से आयोजित अखिल भारतीय बैठक के समापन अवसर पर तोगड़िया ने प्रधानमंत्री से अपने संबंधों का जिक्र करते हुए कहा, मैंने मोटा भाई (नरेंद्र मोदी) को अपने हाथ से खाना बनाकर खिलाया है. हम 12 साल से नहीं मिले. अब जल्दी दिल्ली जाकर मिलूंगा. गोरक्षा पर कानून बनाने की मांग और राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर तथा गोरक्षकों के खिलाफ सभी राज्यों में एडवाइजरी जारी करेगा.
उन्होंने कहा, साढ़े तीन साल हो गए पूर्ण बहुमत की सरकार बने. अब कोई एक्सक्यूज नहीं. जब रात 12 बजे जीएसटी पर कानून बन सकता है. मुसलमान औरतों के तीन तलाक पर कानून बन सकता है तो गोरक्षा पर कानून बनाने में दिक्कत क्या है?
‘कानून नहीं बना तो मोटा भाई कुर्सी से हटने के लिए तैयार रहें’
तोगड़िया ने ललकारते हुए कहा, अगर बचे हुए डेढ़ साल में गोरक्षा को लेकर कानून नहीं बना, तो मोटा भाई कुर्सी से हटाने के लिए तैयार रहें. अगर कानून बनाया तो प्रवीण तोगड़िया स्वयं बीजेपी का झंडा लेकर सरकार बनाने देशभर में घूमेगा।.
विहिप अध्यक्ष ने कहा कि स्कंद पुराण में गाय की महिमा का बखान है. गाय पूरा विज्ञान है. गोमूत्र और गोबर का इस्तेमाल वैज्ञानिक रूप से करके इसे उद्योग बनाना होगा, तभी किसान उन्नत होगा. देश में प्रतिदिन 15 करोड़ गायों का 150 करोड़ लीटर गौमूत्र जमीन में चला जाता है. गोमूत्र और गोबर से फिनायल, साबुन, शैम्पू, धूप और मच्छर मारने की अगरबत्ती का बड़ा उद्योग खड़ा किया जा सकता है. इसके उद्योग लगेंगे तो किसान को गोमूत्र का पैसा मिलेगा.
विहिप प्रमुख ने कहा, इस देश में मुसलमानों और ईसाइयों के आने के बाद गौमांस खाने के लिए गाय को काटा जाने लगा. यह दुर्भाग्य है कि गोपाल के देश में गायों की रक्षा नहीं की जा रही है.
तोगड़िया ने कहा कि 1966 में विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से देश में गोरक्षा कानून बनाने के लिए संसद को घेरा गया था, तब और अब में फर्क है. अब केंद्र में अपनी सरकार है, अब तो कानून बनना चाहिए.
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