ADVERTISEMENTREMOVE AD

न्यायाधिकरण के फैसले का क्रियान्वयन सिर्फ कावेरी बोर्ड करेगा : न्यायालय

न्यायाधिकरण के फैसले का क्रियान्वयन सिर्फ कावेरी बोर्ड करेगा : न्यायालय

Published
न्यूज
1 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र से कावेरी प्रबंधन बोर्ड की स्थापना के लिए अपने मसौदे में संशोधन के लिए कहा। सीएमबी को कावेरी जल न्यायाधिकरण के फैसले के क्रियान्वयन का पूरा अधिकार होगा। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर व न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने उस धारा को छोड़ने की मांग की, जिसमें विवाद के मामले में केंद्र द्वारा निर्णय लिए जाने व उसे अंतिम व बाध्यकारी होने की बात कही गई है।

केंद्र को इस धारा को छोड़ने के लिए भी कहा गया था, जिसमें कहा गया है कि केंद्र समय-समय पर क्रियान्यवन प्राधिकारी को निर्देश देगा-- इस धारा पर तमिलनाडु द्वारा आपत्ति जताई गई है।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने तमिलनाडु की आपत्ति को स्वीकार करते हुए महान्यायवादी के.के.वेणुगोपाल से कहा, यह हिस्सा वहां नहीं होगा.. आप इसे स्पष्ट करें।

वेणुगोपाल ने प्रस्तावित प्राधिकरण के कावेरी प्रबंधन बोर्ड के नाम से बुलाए जाने पर सहमति जताई।

सर्वोच्च न्यायालय ने अपने 16 फरवरी के फैसले में 2007 के कावेरी जल न्यायाधिकरण फैसले को संशोधित किया और इसकी पुष्टि की।

अदालत ने कहा कि केंद्र सिर्फ फैसले को लागू करने के लिए प्रशासनिक निर्देश जारी करेगा।

सीएमबी का मुख्यालय दिल्ली में होगा, जबकि नियमन प्राधिकरण का कार्यालय बेंगलुरू में होगा।

अदालत ने महान्यायवादी से संशोधित मसौदे के साथ आने के लिए कहते हुए मामले को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया।

अदालत ने कर्नाटक के मामले को जुलाई के पहले सप्ताह तक स्थगित करने की याचिका को अस्वीकार कर दिया।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×