बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने छोटे भाई आनंद कुमार को पार्टी उपाध्यक्ष बनाने का ऐलान किया और भाजपा के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाते हुए बीजेपी विरोधी दलों से हाथ मिलाने के संकेत दिये.
मैंने इस शर्त के साथ आनंद कुमार को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का फैसला ले लिया है कि वह पार्टी में हमेशा निस्वार्थ भावना से कार्य करता रहेगा और कभी भी सांसद, विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री आदि नहीं बनेगा. इसी शर्त के आधार पर आज मैं उसे पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोषित कर रही हूं.मायावती, अध्यक्ष, बीएसपी
बीजेपी पर 2014 के लोकसभा और 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ईवीएम की गड़बड़ी करने का आरोप मढ़ते हुए उन्होंने कहा,
देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए मैं कदम पीछे खींचने वाली नहीं हूं. हमारी पार्टी बीजेपी द्वारा ईवीएम की गड़बड़ी के खिलाफ बराबर संघर्ष करेगी और इसके लिए बीजेपी विरोधी दलों से भी हाथ मिलाना पड़ा तो अब उनके साथ भी हाथ मिलाने में परहेज नहीं है.
उन्होंने कहा कि पार्टी आंदोलन के हित में ‘जहर को जहर से मारने' के आधार पर चलकर ईवीएम की गड़बड़ी को रोकना बहुत जरुरी है.
लिखित भाषण पढ़ने विवाद पर सफाई
मायावती ने लिखे हुए भाषण पढ़ने के आरोपों का जवाब देते हुए खुलासा किया कि 1996 में उनके गले का बड़ा ऑपरेशन हुआ था और पूरी तरह खराब हो चुका एक ‘ग्लैण्ड' डॉक्टरों ने निकाल दिया था. उन्होंने कहा कि बिना लिखा भाषण देने में ऊंचा बोलना पड़ता है लेकिन डॉक्टरों ने ऐसा नहीं करने की सलाह दी है.
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