सोमवार रात बर्फ से लदे पहाड़ों से एक ऐसी खबर आई, जो नाउम्मीदी के अंधेरों में घिरे लोगों में भी उम्मीद की रोशनी पैदा कर दे.
हुआ कुछ यूं कि - 45 डिग्री सेल्सियस में भारत मां की सेवा कर रहे लांस नायक हनुमन्थप्पा कुछ दिन पहले आए बर्फीला तूफान में 25 फीट नीचे बर्फ में दब गए थे. शुरुआती बचाव अभियान के बाद उन्हें मृत मान लिया गया.
लेकिन कुदरत का करिश्मा देखिए कि छह दिनों तक बर्फ में दबे रहने के बाद भी लांस नायक हनुमन्थप्पा जीवित हैं.
हालांकि हनुमन्थप्पा की हालत गंभीर है. उन्हें दिल्ली के एयरफोर्स स्टेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
सियाचिन में बर्फ में दबे 10 जवानों के लिए चल रहे बचाव अभियान के दौरान लांस नायक हनुमन्थप्पा जिंदा बर्फ से निकाल लिए गए हैं. लेकिन दुर्भाग्य से बाकी 9 जवान अब हमारे साथ नहीं हैं. हनुमन्थप्पा की हालत नाजुक है, लेकिन उनकी जान बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है. आप भी हमारे साथ प्रार्थना कीजिए कि लांस नायक जल्द ही अच्छे हो जाएं.उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हूडा का आधिकारिक बयान
लांस नायक हनुमन्थप्पा के जिंदा बचने की खबर आते ही उनके गांव में जश्न मनना शुरू हो गया है. उनका परिवार भी जल्द से जल्द उन्हें देखने जाना चाहता है.
मैं बहुत खुश हूं और जल्द ही उन्हें देखने जाना चाहती हूं.लांस नायक की पत्नी
पूर्व आर्मी जनरल वीके सिंह ने भी ट्वीट करके इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
सियाचिन में बचाव अभियान चला रही सेना की टीम ने अन्य 9 जवानों के शवों को भी खोज लिया है. उनके शवों को एवलांच साइट से नीचे लाया जा रहा है.
एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर और मद्रास रेजिमेंट के 9 अन्य जवानों की पोस्ट 19,600 फीट की ऊंचाई पर बर्फीला तूफान आने से बर्फ में दब गई थी. एलओसी के पास स्थित इस पोस्ट पर तैनात 10 जवान भी बर्फ में दब गए.
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