उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पीलीभीत (Pilibhit) में गैंग रेप का शिकार और फिर आग के हवाले किए जाने के दस दिन बाद पीड़ित नाबालिग लड़की की मौत हो गई है. दो लोगों ने मिलकर एक नाबालिग दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया और फिर उसे आग के हवाले कर दिया गया था.
पीड़ित लड़की का लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी अस्पताल में इलाज चल रहा था.
पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि, दो आरोपी- 19 वर्षीय राजवीर और 25 वर्षीय ताराचंद उर्फ तरुण कुमार पर भारतीय दंड संहिता (IPC), पॉक्स एक्ट (POCSO) और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (SC/ST Act) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था और जेल भेज दिया गया था.
क्या था पूरा मामला?
दो आरोपियों में से एक ने 16 साल की लड़की के साथ रेप किया और फिर उस पर डीजल डालकर आग लगा दी थी. इस बीच पीड़िता के पिता ने कहा कि घटना के वक्त उनकी बेटी घर पर अकेली थी. उन्होंने कहा, "मैं घर पर नहीं था, न ही मेरी पत्नी. कुछ लोगों ने मेरी बेटी के साथ बलात्कार करने की कोशिश की और उसे आग के हवाले कर दिया."
घटना 7 सितंबर को जिले के माधोटांडा इलाके में हुई. लेकिन ये खबर तब सामने आई जब एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पीड़िता अपनी आपबीती बता रही है.
बता दें कि दो साल पहले ही, हाथरस में चार उच्च जाति के पुरुषों ने 14 सितंबर 2020 को एक 19 वर्षीय दलित महिला के साथ बेरहमी से बलात्कार किया था. 29 सितंबर को इलाज के दौरान दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी.
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