मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विनोद राय ने संजय निरूपम को जो हलफनामा दिया कि उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम मुद्दे के दौरान जो कहा, वह असत्य था, यह साबित करता है कि राय ने सभी नैतिकता, ईमानदारी और शालीनता को हवा में फेंक दिया।
उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राय, जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त), किरण बेदी, बाबा रामदेव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे देश से माफी मांगें।
खुर्शीद ने कहा कि राय इस समय बैंकिंग सेवा भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं, लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में हो रहे विशाल बैंकिंग घोटाले पर एक भी शब्द नहीं बोला है।
उन्होंने कहा कि 13,500 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक बैंक धोखाधड़ी के साथ-साथ देश को हिला देने वाले कई अन्य बैंकिंग घोटालों के बारे में पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की ओर से एक भी बयान नहीं आया है। उन्होंने कहा कि राय नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, ललित मोदी, विजय माल्या और कई अन्य लोगों पर चुप रहे, जो हजारों करोड़ की बैंकिंग धोखाधड़ी करके देश छोड़कर भाग गए।
उन्होंने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले का प्रभाव आज भी कांग्रेस को प्रभावित कर रहा है और पार्टी के साथ देश को भी ईंधन की कीमतों में वृद्धि और उस तरह का भ्रष्टाचार जो पहले कभी नहीं देखा गया था, का सामना करना पड़ा है।
यह देखते हुए कि राय के हलफनामे ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को बदनाम करने, बदनाम करने और गिराने की साजिश को पूरी तरह से उजागर कर दिया, उन्होंने कहा कि पार्टी संसद के शीतकालीन सत्र सहित हर मंच पर इस मामले को उठाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अदालत को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला है।
--आईएएनएस
एसजीके
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