18 जून 2022 को प्रधानमंत्री की मां हीराबेन मोदी (Heeraben Modi) के जन्मदिन पर पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने उन्हें एक ब्लॉग समर्पित किया था. इस ब्लॉग में उन्होंने अपनी मां के बारे में विस्तार से लिखा था और बताया था कि कैसे मां ने उन्हें 'गढ़ा'. पीएम मोदी के ब्लॉग की क्या खास बातें हैं ये आपको बताते हैं.
कम उम्र में मेरी मां ने मेरी दादी को स्पेनिश फ्लू के कारण खो दिया. उन्हें मेरी दादी का चेहरा तक याद नहीं है.
इतनी जिम्मेदारियों और संघर्षों के बाद भी मां ने परिवार को संयम और दृढ़ता के साथ जुटाए रखा.
मां घर चलाने के लिए कुछ घरों में बर्तन मांजती थीं और समय निकाल कर चरखा भी चलाती थीं.
मां को दूसरों की खुशियों में खुशी मिलती थी. हमारा घर छोटा था, लेकिन उनका दिल बड़ा था.
मेरे पिता के एक करीबी दोस्त पास के गांव में रहते थे. उनके निधन के बाद मेरे पिता अपने दोस्त के बेटे अब्बास को घर ले आए.
अब्बास हमारे साथ रहा और पढ़ाई पूरी की. मां उसे भी उतना ही प्यार करती थीं, जितना अपने बच्चों को.
हर ईद पर वो अब्बास के लिए उसके पसंदीदा व्यंजन बनाती थीं.
उनमें एक और गुण था-वो साफ-सफाई रखने वालों की काफी इज्जत करती थीं.
मुझे याद है वडनगर में जब भी कोई नालियों की सफाई करता था, मां उसे बिना चाय पिलाए जाने नहीं देती थीं.
हमारा घर सफाईकर्मियों के बीच काम के बाद चाय के लिए मशहूर हो गया था.
जब मैं मुख्यमंत्री बना तो मैं सार्वजनिक रूप से अपने सभी शिक्षकों का सम्मान करना चाहता था. मैंने सोचा मां मेरे जीवन में सबसे बड़ी शिक्षक रही हैं तो मुझे उनका भी सम्मान करना चाहिए. मैंने मां से आग्रह किया वो समारोह में आएं लेकिन उन्होंने मना कर दिया. तब उन्होंने कहा कि, "देखो, मैं एक साधारण व्यक्ति हूं. भले ही मैंने तुम्हें जन्म दिया लेकिन तुम्हें पढ़ाया और पाला है भगवान ने." उस दिन मेरे सभी शिक्षकों का सम्मान किया गया, सिर्फ मेरी मां को छोड़कर.
दुनिया में क्या चल रहा है उन्हें सब पता रहता था. हाल ही मैंने उनसे पूछा कि, आप रोज कितने घंटे टीवी देखती हैं? तो मां ने जवाब दिया कि, टीवी पर ज्यादातर लोग झगड़ा करने में व्यस्त रहते हैं और वो उन लोगों को देखतीं हैं जो शांति से खबर पढ़ते हैं और सबकुछ समझाते हैं.
आज, सालों बाद जब लोग उनसे पूछते हैं कि आपका बेटा देश का पीएम बन गया है तो आपको गर्व होता है? तो वो कहती हैं, "मुझे उतना ही गर्व है जितना तुम्हें है. मेरा कुछ नहीं है. मैं भगवान की योजनाओं का साधन मात्र हूं."
मां के जीवन में मैं भारत की नारी शक्ति की तपस्या, त्याग और समर्पण देखता हूं.
जब भी मैं उन्हें देखता हूं, उनकी जैसी करोड़ों महिलाओं को देखता हूं, तो मुझे लगता है कि भारतीय स्त्रियों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)