प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ देश भर में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को सोमवार को ‘दुर्भाग्यपूर्ण एवं बेहद निराशाजनक’ करार देते हुए लोगों से अफवाह फैलाने वालों से दूर रहने और ‘‘निहित स्वार्थी” तत्वों को समाज को बांटने नहीं देने की अपील की।
एक के बाद एक किए गए कई ट्वीट में मोदी ने यह भी आश्वासन दिया कि संशोधित नागरिकता कानून से किसी भी धर्म का कोई भारतीय प्रभावित नहीं होगा।
सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों की आग अन्य राज्यों में फैलने के बीच, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह शांति, एकता एवं भाईचारा बनाए रखने का समय है। मैं प्रत्येक व्यक्ति से किसी भी तरह की अफवाह और गलत खबरों से दूर रहने की अपील करता हूं।”
मोदी ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून पर हिंसक प्रदर्शन ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण एवं बेहद निराशाजनक’’ हैं। चर्चा, परिचर्चा और मतभेद लोकतंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं लेकिन सामान्य जीवन को अस्तव्यस्त करना और सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाना कभी भी हमारे लोकाचार का हिस्सा नहीं रहा ।
मोदी ने कहा कि वह पूरी तरह से लोगों को आश्वस्त करते हैं कि संशोधित कानून किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक को प्रभावित नहीं करता है।
उन्होंने ट्वीट किया, “किसी भी भारतीय को इस कानून को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जिन्होंने विदेशों में कई सालों तक प्रताड़ना झेली है और उनके पास बसने के लिए भारत के अलावा कोई जगह नहीं थी।”
कानून को जबर्दस्त समर्थन के साथ संसद के दोनों सदनों से पारित किया गया है, इस बात पर जोर देते हुए मोदी ने कहा, “कई राजनीतिक दलों और सांसदों ने इसे पारित कराने में समर्थन दिया। यह कानून स्वीकार्यता, सौहार्द, करुणा एवं भाईचारे की भारत की सदियों पुरानी संस्कृति की व्याख्या करता है।”
मोदी ने संसद से इस कानून के पारित होने के एक दिन बाद 12 दिसंबर को भी ट्वीट कर असम के लोगों को आश्वस्त किया था कि उन्हें इससे चिंतित होने की जरूरत नहीं है। कानून पारित होने के बाद से पूर्वोत्तर में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
सोमवार को किए गए मोदी के ये ट्वीट संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ शैक्षणिक परिसरों समेत देश भर में जारी प्रदर्शनों के बीच आए हैं।
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)