आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बाल्यान ने शुक्रवार को कहा कि जनता के कामों में रोड़े अटकाने वाले अधिकारियों की पिटाई की जानी चाहिए. बाल्यान ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब ‘आप' के कुछ विधायकों की ओर से दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित हमले का मुद्दा गरमाया हुआ है.
उत्तम नगर से ‘आप' के विधायक बाल्यान की टिप्पणी अंशु प्रकाश पर कथित हमले के बाद दिल्ली सरकार और नौकरशाही के बीच कायम तनाव की आग में घी का काम कर सकती हैं.
नरेश बाल्यान ने एक कार्यक्रम में कहा:
‘‘कोई काम जिसे तीन दिन में किया जा सकता है...फाइल तीन दिन में मंजूर नहीं होती और उसमें वे तीन से छह महीने का वक्त लगा देते हैं. क्यों? क्योंकि इससे उन्हें कमीशन मिलता है और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इसी पर लगाम लगा दी है. अब वे फाइलें बढ़ाते ही नहीं हैं. अब मुख्य सचिव के साथ जो कुछ हुआ, उनके आरोप (कि अंशु प्रकाश की पिटाई हुई). मैं तो कहता हूं कि ऐसे कर्मचारियों को पीटना ही चाहिए. अगर किसी व्यक्ति ने जनता का काम रोक कर रखा है तो उसे ऐसी कार्रवाई का सामना करना चाहिए.’’नरेश बाल्यान
विधायक के बयान की निंदा
दिल्ली सरकार के अधिकारियों के संयुक्त फोरम ने विधायक के बयान की निंदा की है. फोरम ने कहा, ‘‘बहरहाल, संयुक्त फोरम ने तय किया है कि दिल्ली सरकार के साथ केवल लिखित बातचीत के जरिए ही काम जारी रखा जाएगा.''
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने भी बाल्यान की टिप्पणी को पसंद नहीं किया. पार्टी की नेता आतिशी मर्लेना ने ट्वीट किया, ‘‘विधायक नरेश बाल्यान के बयान की घोर निंदा करती हूं. सभी सरकारी अधिकारियों से आदरपूर्वक व्यवहार करने की जरूरत है. आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली के विकास के लिए उनके साथ मिलकर काम करने में यकीन रखती है.''
बहरहाल, बाल्यान ने कहा कि उन्हें अपने बयान पर कोई अफसोस नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई अधिकारी जानबूझकर लोगों के काम में देरी करता है तो उसके साथ वही सलूक होना चाहिए.''
(इनपुट: भाषा)
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