तमिलनाडु में सत्ता पर काबिज एआईएडीएमके के अंदर की जंग आखिरकार खत्म होने वाली है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सीएम ई पलनीसामी और ओ पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले दोनों धड़े आपस में विलय के लिए राजी हो गए हैं.
जयललिता की मौत के बाद पार्टी की कमान को लेकर शशिकला और पनीरसेल्वम में जंग छिड़ी थी. इस बीच पनीरसेल्वम अपने समर्थकों के साथ पार्टी से अलग हो गए. लेकिन बाद में शशिकला को भी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल हो गई.
शशिकला के जेल जाने के बाद से ही दोनों धड़ों का विलय करने की कोशिशें चल रही थीं. पिछले कुछ दिनों से पनीरसेल्वम और पलनीसामी समर्थकों के बीच बैठकों के दौर चल रहे थे.
तय हुआ फार्मूला
दोनों धड़ों में तय फार्मूले के मुताबिक पलनीसामी मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं. वहीं पनीरसेल्वम को पार्टी महासचिव बनाया जाएगा. साथ ही वे उप मुख्यमंत्री बनेंगे.
पनीरसेलवम फिलहाल डि-फैक्टो महासचिव रहेंगे. कुछ दिन बाद उन्हें चुनाव द्वारा चुन लिया जाएगा. पनीरसेल्वम के कुछ समर्थकों को कैबिनेट में अहम पोस्ट भी दी जाएगी.
शशिकला पर नहीं बनीं सहमति
हालांकि अभी पार्टी से शशिकला को बाहर भेजने पर सहमति नहीं बनी है. पनीरसेल्वम ने विलय की शर्तों में इसे अहम शर्त के तौर पर रखा था. जयललिता की याद में मेमोरियल बनवाना और उनकी मौत की सीबीआई जांच, पनीरसेल्वम की अन्य शर्तें थीं.
फिलहाल जयललिता की मौत की न्यायिक जांच का ही आदेश दिया गया है. बाकी सभी शर्तों पर सहमति बन चुकी है.
जयललिता के बाद शुरू हुई थी उत्तराधिकार की जंग
जयललिता की मौत के बाद दिसंबर में पनीरसेल्वम सीएम बने थे. लेकिन शशिकला के दवाब के बाद फरवरी में उन्हें हटना पड़ा था. बाद में उन्होंने शशिकला के खिलाफ खुल कर विद्रोह किया, जिसके बाद उन्हें पार्टी ट्रेजरर की पोस्ट से भी हटा दिया गया था.
लेकिन आय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला के खिलाफ फैसला आने के बाद उन्हें बेंगलुरू जेल जाना पड़ा. शशिकला ने पलनीसामी को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. शशिकला अपने भतीजे दिनकरण के जरिए पार्टी पर पकड़ रख रहीं थीं. लेकिन इस साल अप्रैल में पलनीसामी ने शशिकला को साइडलाइन करना शुरू कर दिया. उन्होंने 122 विधायकों के साथ विधानसभा में बहुमत भी साबित किया था.
आर के नगर बॉयपोल कैंसिल होने के बाद शशिकला के भतीजे दिनकरण के खिलाफ भी पलनीसामी और उनके समर्थक विरोध में आ गए. आर के नगर बॉयपोल में दिनकरण पर चुनाव अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप था.
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