महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM और वंचित बहुजन अघाड़ी का गठबंधन टूट गया है. सीट बंटवारे पर काफी वक्त से दोनों के बीच बात चल रही थी. वंचित बहुजन अघाड़ी ने ओवैसी की पार्टी को महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 8 सीटें ऑफर की थीं. ओवैसी की पार्टी इस ऑफर से खुश नहीं थी. इसलिए AIMIM ने लोकसभा चुनाव से पहले वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ बने गठबंधन को तोड़ दिया.
वंचित बहुजन अघाड़ी ने दिया सिर्फ 8 सीट का ऑफर
महाराष्ट्र एआईएमआईएम के अध्यक्ष और औरंगाबाद के लोकसभा सांसद इम्तियाज जलील ने बयान जारी कर कहा कि दोनों पार्टियों के बीच सीटों को लेकर 2 महीनों से चली आ रही बात नहीं बनी. बता दें, दोनों पार्टियों के बीच लोकसभा चुनावों के दौरान गठबंधन हुआ था और दोनों ही वोट पाने में खासा कामयाब रहे थे. लेकिन औरंगाबाद सीट से सिर्फ इम्तियाज जलील जीतने में कामयाब रहे.
इम्तियाज जलील ने कहा कि, ‘‘बहुजन अघाड़ी ने एमआईएम को 8 सीटों का ही ऑफर दिया था. ये इसलिए भी नहीं माना गया क्योंकि इस ऑफर में औरंगाबाद सेंट्रल सीट ही नहीं थी.’’ बता दें, लोकसभा सांसद बनने से पहले इम्तियाज जलील औरंगाबाद सेंट्रल से ही विधायक थे.
‘‘हमारे नेता गफ्फार कादरी ने बालासाहेब अंबेडकर के साथ कई मुलाकातें की थी. बालासाहेब और उनकी पार्टी के पार्लियामेंट्री बोर्ड मेंबर अन्नाराव पाटिल ने सीट बंटवारे वाले फैसले के बारे में कादरी को बताया. बालासाहेब ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को ईमेल लिखकर भी कहा कि वो 8 सीटें ही देंगे. हम पिछले विधानसभा चुनाव में 24 सीटों पर लड़े थे और 2 पर जीत हासिल की थी. साथ ही 9 सीटों पर हम दूसरे-तीसरे पायदान पर थे. आज हमारी पार्टी के पास महाराष्ट्र में हर जाति और वर्ग के 150 पार्षद हैं. गठबंधन न होने के बावजूद हम समाज के कमजोर वर्ग के मुद्दों को उठाते रहेंगे.’’इम्तियाज जलील, लोकसभा सांसद(औरंगाबाद)
वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम ने 2019 लोकसभा चुनाव में कई लोकसभा सीटों पर कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को नुकसान पहुंचाया था.
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