महाराष्ट्र के नए-नए डिप्टी सीएम बने एनसीपी नेता अजित पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अजित ने 23 नवंबर की सुबह ही डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी और 3 दिन में ही उनका ताज छिन गया. महाराष्ट्र में सियासी उठापटक थमने का नाम नहीं ले रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी को 27 नवंबर तक फ्लोर टेस्ट का वक्त दिया, उससे पहले तमाम सियासी हलचल मची हुई है.
अजित पवार के बीजेपी के साथ जाने से एनसीपी चीफ शरद पवार काफी नाराज थे, उन्होंने कहा था उनकी पार्टी बीजेपी के साथ जाने के अजित पवार के फैसले के साथ नहीं है.
अजित पवार के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र में बीजेपी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. बीजेपी ने अजित पवार के भरोसे सरकार बनाई थी, लेकिन जब अजित ही साथ नहीं रहेंगे तो बीजेपी बहुमत कहां से लाएगी.
बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की याचिका पर आदेश दिया है कि महाराष्ट्र विधानसभा में 27 नवंबर को शाम 5 बजे से पहले फ्लोर टेस्ट कराया जाए.
बीजेपी ने 23 नवंबर की सुबह देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ तो दिला दी, लेकिन अब उसके सामने सरकार चलाने के लिए बहुमत साबित करने की चुनौती है. 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 145 का है. इस बार के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 105 सीटें मिली हैं. ऐसे में बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 40 और विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.
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