2019 आम चुनाव और राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस के लिए एक और जोर-आजमाइश का मौका है. राजस्थान के अलवर और अजमेर लोकसभा सीट पर 29 जनवरी को उपचुनाव होने जा रहा है. बीजेपी ने अलवर लोकसभा सीट से राजे मंत्रिमंडल में श्रम मंत्री डॉ जसवंत सिंह यादव और अजमेर सीट से रामस्वरूप लांबा को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने अजमेर से रघु शर्मा और अलवर से डॉ करण सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया है.
ऐसे में इस सियासी मुकाबले से पहले जानते हैं कि पिछले तीन आम चुनावों के नतीजे क्या रहे हैं.
अजमेर: 2004, 2009, 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे
अजमेर लोकसभा सीट, पूर्व केंद्रीय मंत्री सांवरलाल जाट की मौत के बाद खाली हुई है. 2014 में सांवरलाल जाट ने कांग्रेस के सीनियर लीडर सचिन पायलट को मात दी थी. उपचुनाव में कांग्रेस ने रघु शर्मा पर दांव लगाया है.
इस सीट पर पिछले 3 लोकसभा चुनाव एक खास तरह का ट्रेंड बता रहा है, जिसके मुताबिक, एक बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस की सरकार बनती दिखी है. साल 2004 में यहां से बीजेपी के रासा सिंह रावत ने 59 फीसदी वोट शेयर हासिल कर जीत दर्ज की थी. 2009 में राहुल गांधी के करीबी नेता सचिन पायलट ने 53 फीसदी वोट शेयर हासिल कर पासा पलट दिया. लेकिन 2014 में उन्हें बीजेपी के सांवरलाल जाट ने 15 फीसदी के वोट शेयर से मात दी.
सांवरलाल जाट के निधन के बाद ये सीट खाली है और बीजेपी ने उनके बेटे रामस्वरूप लांबा पर दांव खेला है.
अलवर: 2004, 2009, 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे
राजस्थान का ‘संवेदनशील’ अलवर जिला, पिछले साल गोरक्षकों की पिटाई से दो लोगों की मौत हो जाने की खबरों के कारण सुर्खियों में रहा था. यहां अब बीजेपी सांसद चांद नाथ की मौत के बाद उपचुनाव है.
पिछले 3 लोकसभा चुनाव की बात करें, तो साल 2004 और 2009 में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. वहीं साल 2014 में 26 फीसदी के बड़े मार्जिन के साथ बीजेपी के चांद नाथ ने इस सीट पर कब्जा किया था. फिलहाल, अलवर में ‘ध्रुवीकरण’ की चर्चाओं पर जोर है. हालिया घटनाएं भी इसपर जोर देती दिख रही हैं
बीजेपी-कांग्रेस नफा नुकसान
राजपूत संगठन कांग्रेस के समर्थन में उतरे
राजस्थान के राजपूत संगठनों ने बीजेपी को झटका देते हुए कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही है. सर्व समाज संघर्ष समिति, जिसमें राजपूत, रावणा राजपूत और चारण समाज समेत दूसरे संगठन शामिल हैं, इस समिति ने बीजेपी पर धोखा देने का आरोप लगाया है. समिति के संयोजक गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने वसुंधरा सरकार पर जैसलमेर के चतर सिंह मुठभेड, चूरू के आनंदपाल मुठभेड़ समेत कई मामलों में वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया है.
लोटवाड़ा का कहना है कि सरकार ने आनंदपाल मुठभेड़ मामलें में धोखा दिया। मुठभेड के बाद राजपूत समाज के लोगो ने आंदोलन किया लेकिन आंदोलन कर रहे नेताओं को टारगेट किया गया. 'पद्मावती' फिल्म पर राजपूत बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं.
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