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सपा के दंगल में आखिरकार ‘टीपू’ ही बने असली ‘सुल्तान’

सोमवार को हुई समाजवादी पार्टी की बैठक के बाद पासे अखिलेश यादव के पक्ष में पलटते हुए नजर आ रहे हैं

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पिछले 3-4 दिनों से चल रही समाजवादी पार्टी की उठापटक में अखिलेश यादव क्लियर विनर के तौर पर उभरकर आ रहे हैं. मंच पर समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने भले ही सीएम अखिलेश यादव को फटकार लगाई हो, लेकिन मंच के पीछे की स्क्रिप्ट साफ तौर पर अखिलेश की जीत का इशारा कर रही है.

इस बात को ऊपरी तौर पर समझना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन इन दिनों हुई हलचल पर गौर करें, तो असली पिक्चर भी साफ हो जाती है.

सीएम करेंगे मंत्रियों पर फैसला

सोमवार को हुई समाजवादी पार्टी की बैठक के बाद पासे अखिलेश यादव के पक्ष में पलटते हुए नजर आ रहे हैं

सपा की मीटिंग में मुलायम सिंह यादव ने साफ तौर पर अखिलेश यादव को कहा, ''तुम्हारी हैसियत क्या है.'' इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी और सरकार में अखिलेश का कद कम किया जा सकता है. वहीं इस हलचल के अगले दिन जब मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

इस दौरान जब उनसे बर्खास्त किए गए मंत्रियों की सरकार में वापसी के बारे में पूछा गया, तो मुलायम ने कहा, ''इस बारे में मुख्यमंत्री ही कोई फैसला ले सकते हैं.'' मुलायम का यह बयान यह समझने के लिए काफी था कि मंत्रियों की वापसी पर सीएम ने किसी की बात नहीं सुनी. यहां भी अखिलेश की जीत साफ झलक रही थी.

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शिवपाल यादव का सरकारी बंगला खाली करना

सोमवार को हुई समाजवादी पार्टी की बैठक के बाद पासे अखिलेश यादव के पक्ष में पलटते हुए नजर आ रहे हैं

अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल से बर्खास्त होने वाले शिवपाल यादव ने अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है. बुधवार को उनके बंगले से उनकी नेमप्लेट भी हटी हुई थी. इसका मतलब साफ है कि अखिलेश ने हटाए गए मंत्रियों को वापस लिए जाने पर अपनी सहमति नहीं दी और अब शिवपाल की सरकार में वापसी के भी कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. यह बात साफ है कि अखिलेश चाचा से लड़ाई में भी जीत कर सामने आए हैं.

पवन पांडे पार्टी से निकाले गए, पर सरकार से नहीं

सोमवार को हुई समाजवादी पार्टी की बैठक के बाद पासे अखिलेश यादव के पक्ष में पलटते हुए नजर आ रहे हैं

शिवपाल और अखिलेश में रत्ती भर भी सुलह नहीं हुई है, इसका एक नमूना तब देखने को मिला, जब पार्टी ने अखिलेश के करीबी माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री पवन पांडे को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया. दरअसल उन पर यह कार्रवाई युवजन सभा के अध्यक्ष और शिवपाल के करीबी आशु मलिक को चांटा मारने के कारण हुई है.

वहीं इसके उलट पवन पांडे पार्टी से बर्खास्त किए जाने के बाद भी सरकार में अभी तक बने हुए हैं. यह बात भी साफ है कि अखिलेश पवन को पार्टी से हटाने के मूड में नहीं हैं. यहां भी अखिलेश अपने चाचा को सीधी टक्कर दे रहे हैं.

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आखिर राज्यपाल से क्यों मिले सीएम?

सोमवार को हुई समाजवादी पार्टी की बैठक के बाद पासे अखिलेश यादव के पक्ष में पलटते हुए नजर आ रहे हैं

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्‍यपाल राम नाइक से राजभवन जाकर मुलाकात की. बताया जा रहा है कि ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को जानकारी दी. लेकिन इन खबरों से इतर कयास कुछ और भी लगाए जा रहे हैं. हालांकि अभी तक इस बारे में कोई भी अधिकारिक जानकारी नहीं है.

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