प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राउज एवेन्यू कोर्ट में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को शुक्रवार, 22 मार्च को पेश किया. जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि सीएम केजरीवाल कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले (Delhi Excise Policy) के 'सरगना' थे और मुख्य साजिशकर्ता थे. अदालत में ED ने केजरीवाल की 10 दिन के रिमांड मांग की है. सभी दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए केजरीवाल को 28 मार्च तक ED की रिमांड में भेज दिया है.
ED की ओर से पेश एडिशल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत को बताया कि दिल्ली शराब नीति को तैयार करने में सीधे तौर पर शामिल थे.
अरविंद केजरीवाल ने राहत के लिए पहले सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था लेकिन उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका को यह कहते हुए वापस ले लिया कि केजरीवाल निचली अदालत का सामना करना चाहते हैं. बता दें इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में बीआरएस नेता के कविता को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
ED ने और क्या लगाए आरोप?
ED ने कहा कि विजय नायर नाम का एक शख्स अरविंद केजरीवाल के आवास के नजदीक रहता है. विजय नायर के जरिए केजरीवाल ने शराब माफियाओं से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी. इस रकम को पंजाब चुनाव के लिए मांगा गया था.
जांच एजेंसी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल तेलांगना के पूर्व सीएम की बेटी और बीआरएस नेता के कविता से भी मिले थे और दिल्ली शराब नीति बनाने में के कवित सक्रिय रुप से शामिल थीं.
ED ने अदालत में साउथ ग्रुप का जिक्र किया है. कथित तौर पर इस ग्रुप में के. कविता और दक्षिण भारत के कई लोग शामिल थे.
"साउथ ग्रुप से मिले लगभग ₹45 करोड़ की रकम का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने 2021-22 में गोवा चुनाव में किया था."
एएसजी ने यह भी कहा कि केजरीवाल ने जानबूझकर ईडी द्वारा उन्हें जारी किए गए समन की अवहेलना की और जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया.
"उन्होंने जानबूझकर समन की अवहेलना की है. समन की अवहेलना का आचरण... तलाशी के समय उन्होंने सही तथ्य नहीं दिए. वह जांच में असहयोग कर रहे थे. हम उनसे पूछताछ करना चाहते हैं और जानकारी इकट्ठा करना चाहते हैं."
केजरीवाल की ओर से क्या दलीलें दी गई?
केजरीवाल ने गिरफ्तार होने के बाद कहा कि उनका जीवन देश के लिए समर्पित है.
सीएम केजरीवाल की ओर पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ED से गिरफ्तारी को लेकर कई सवाल पूछे. सिंघवी ने कहा कि एजेंसी को कथित तौर पर घोटाले के पैसे का पता लगाना चाहिए और ये गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता है. सिंघवी ने कहा है कि इस मौजूदा आधार पर केजरीवाल से बस पूछताछ भर किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने रिमांड के लिए ईडी की याचिका का विरोध किया.
उन्होंने कहा कि गवाहों के बयान से जो पैटर्न सामने आया है, उसे देखते हुए उन्हें गिरफ्तार करने का आधार नहीं बनाया जा सकता।
"अब एक नया पैटर्न है. आपके पास एक गवाह है, उसने बयान एक या बयान दो में केजरीवाल का नाम नहीं लिया है. फिर आप उसे गिरफ्तार करें और उसकी जमानत का पुरजोर विरोध करें. फिर वह सरकारी गवाह बन जाता है. और एक दिन वह एक शानदार बयान देता है."अभिषेक मनु सिंघवी
उन्होंने कहा कि गवाहों के बयानों के अलावा केजरीवाल के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है. "इन बयानों के अलावा कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है कि 'मैं केजरीवाल से मिला' आदि. अगर लोगों को गिरफ्तार किया जाता है और माफ कर दिया जाता है तो वे निश्चित रूप से किसी का नाम लेंगे."
बता दें कि ऑरबिंदो फार्मा के डायरेक्टर सरथ रेड्डी इस केस में सरकारी गवाह बने थे. उन्हें 10 नवंबर 2022 को ED ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद जून 2023 में ED ने अदालत से रेड्डी को 'सरकारी गवाह' बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि रेड्डी खुद स्वेच्छा से शराब नीति की सारी अनियमितताओं का खुलासा करेंगे. राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस अर्जी को स्वीकार कर लिया था और उन्हें जमानत दे दी थी.
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