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असम में PM मोदी की रैलियों में कम भीड़ देखकर खुश हो रहे कांग्रेसी

कांग्रेस महासचिव का दावा, असम की चुनावी रैलियों में मोदी को नहीं मिल रही अच्छी प्रतिक्रिया. 

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‘असम की चाय’ बेचने की बात कहकर भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असमवासियों से निकटता जाहिर करने की कोशिश की हो, लेकिन BJP का असम में कोई विश्वसनीय चेहरा नहीं होने के कारण पार्टी को बेहद ठंडा रिस्पॉन्स मिल रहा है. साथ ही प्रधानमंत्री की रैलियों में लोगों की मौजूदगी काफी कम होने से यह संकेत मिलते हैं कि BJP असम विधानसभा चुनाव हारने वाली है.

यह दावा है कांग्रेस महासचिव सी. पी. जोशी का, जिन्होंने असम में BJP कैंपेन पर टिप्पणी करते हुए यह बात कही. जोशी ने कहा कि असम में प्रधानमंत्री को अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिल रही. यह देखकर हम खुश हैं. मोदी का हावभाव और उनके भाषणों का कंटेंट देखकर लगता है कि BJP असम में बुरी तरह हार रही है.

कांग्रेस ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में ऊपरी असम के कई स्थानों पर पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की रैलियों और पदयात्रा में बडी तादाद में लोग शामिल हुए थे और लोगों की प्रतिक्रिया काफी अच्छी रही थी.

असम में BJP के पास कोई विश्वसनीय नेता न होने का जिक्र करते हुए जोशी ने कहा,

मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान असम के लिए कई वादे किए थे. असम के लोगों ने उन पर भरोसा कर उन्हें एक मौका दिया. उनके कैबिनेट में यहां का एक मंत्री भी बना. वह मंत्री अब BJP का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार है.

केंद्र में BJP की नाकामी

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से निकालने में नाकाम रहा. 6 जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने में नाकाम रहा. युवाओं को रोजगार देने में नाकाम रहा. मोदी पुरानी योजनाओं के नए नाम रखकर सिर्फ उनका श्रेय ले रहे हैं.

गोगोई को बढ़ती उम्र में लोगों का आशीर्वाद चाहिए

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी हालिया रैली में असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की उम्र को लेकर कहा था, ’गोगोई जी कुछ वर्षों में आप 90 वर्ष के हो जाएंगे. आप मुझसे बड़़े हैं. मैं असम आपको प्रणाम करने आया हूं, लड़ने नहीं आया हूं.’

गोगोई ने भी अपनी चुनावी रैली में मोदी के इस बयान का जवाब दिया और कहा, ‘मैं बूढ़़ा हो सकता हूं, लेकिन मेरा उत्साह किसी युवा से कम नहीं है. मुझे लोगों के आशीर्वाद की जरूरत है. हमें जितना आशीर्वाद मिलेगा, उतनी ही ऊर्जा हमें लोगों के लिए काम करने के लिए मिलेगी.’

-इनपुट भाषा से

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