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थप्पड़ ‘कांड’ के बाद AAP-BJP के बीच तानाशाही पर तू-तू मैं-मैं

दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित तौर पर मारपीट के बाद कैसे उलझ पड़े हैं बीजेपी-AAP, एक उदाहरण यहां है

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  • सीएम केजरीवाल ने की एलजी बैजल से मुलाकात
  • मारपीट के आरोपी AAP विधायकों को बेल नहीं
  • दिल्ली के मुख्य सचिव से मारपीट का है आरोप
  • केजरीवाल के घर पुलिस ने की जांच पड़ताल
  • सीसीटीवी फुटेज जब्त किए गए
  • 19 फरवरी का है मामला
  • प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तानाशाह हैं केजरीवाल: बीजेपी
  • छापेमारी केन्द्र सरकार की तानाशाही का नतीजा : AAP
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दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित तौर पर मारपीट का मामला बीजेपी-AAP के बीच बड़े विवाद की वजह बनता जा रही है. मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. लेकिन दोनों पार्टियों की बयानबाजी नहीं थमी है.

एक तरफ बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को ‘‘लगभग एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का तानाशाही तरीके से चुना गया प्रमुख'' करार दिया. वहीं अरविंद केजरीवाल के घर पर हुई छापेमारी को AAP ने केंद्र सरकार की तानाशाही का नतीजा बता दिया.

प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तानाशाह हैं केजरीवाल: बीजेपी

बीजेपी की तरफ से संबित पात्रा ने आम आदमी पार्टी के 14 विधायकों की हिंसा से लेकर छेड़छाड़ और जालसाजी, हमला करने जैसे आरोपों में समय-समय पर हुई गिरफ्तारियों का जिक्र किया. उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग में दिल्ली के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव को अपने आवास पर बुलाने का केजरीवाल का फैसला और उन पर कथित शारीरिक हमले का मामला ‘डराने-धमकाने और ठगी' का मामला है. पात्रा ने शाह पर केजरीवाल के निशाना साधने की घटना को निंदनीय कहा.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अरविंद केजरीवाल से कहना चाहूंगा कि अमित शाह देश तो छोड़िए, दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के उचित और लोकतांत्रिक तरीके से चुने गये अध्यक्ष हैं. आप एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जैसी पार्टी के तानाशाही पूर्ण तरीके से चुने गये प्रमुख हैं.'' AAP नेताओं ने जज बी एच लोया की मौत के मामले में शाह पर निशाना साधा था.

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छापेमारी केन्द्र सरकार की तानाशाही का नतीजा : AAP

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ पार्टी विधायकों की कथित बदसलूकी के मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर जांच पड़ताल की गई. AAP ने इस छापेमारी को केंद्र सरकार की तानाशाही का नतीजा बताया. पार्टी ने शनिवार को देशव्यापी आंदोलन की भी बात की. पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और पार्टी प्रवक्ता आशुतोष ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई केन्द्र सरकार के इशारे पर हो रही है. यह दिल्ली की निर्वाचित सरकार को गिराने की साजिश का हिस्सा है.

केजरीवाल के घर में अनधिकृत प्रवेश?

AAP नेताओं ने घटना से जुड़े सबूत जुटाने के लिये मुख्यमंत्री आवास में पुलिस के प्रवेश को ‘अवैध' बताते हुये कहा कि बिना किसी पूर्व नोटिस के पुलिस ने यह कार्रवाई की है. इस दौरान मौजूद वरिष्ठ वकील बी एस जून ने कहा कि मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में बिना पूर्व नोटिस के पुलिस का दाखिल होना, कानून की नजर में ‘अनधिकृत प्रवेश' के दायरे में आता है. जून ने कहा कि पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास में अंदर पहुंच कर मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी के नाम लिखा एक पत्र सौंप कर छानबीन की बात बतायी, जबकि मुख्यमंत्री आवास में विशेष कार्याधिकारी की तैनाती ही नहीं है. ऐसे में पुलिस का प्रवेश अवैध है.

केजरीवाल को अस्थिर करना चाहती है केंद्र: AAP

संजय सिंह ने कहा कि इस प्रकरण का एकमात्र मकसद केजरीवाल सरकार को अस्थिर करना और पुलिस कार्रवाई का मकसद आप नेताओं को अपमानित एवं प्रताड़ित करना है. उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार दिल्ली से लेकर बंगाल तक, विपक्षी दलों की सरकार वाले सभी राज्यों में शासन तंत्र को अस्थिर करने का काम कर रही है. दिल्ली में भी पुलिस की कार्रवाई मोदी सरकार के इशारे पर हो रही है.'' इसके विरोध में आप कार्यकर्ता देश के सभी जिला मुख्यालयों पर शनिवार को विरोध प्रदर्शन करेंगे.

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