समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जिससे सियासी भूचाल आना तय है. आजम खान ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा है कि 1947 के बाद से ही मुस्लिमों को सजा मिल रही है. चाहे कुछ भी हो मुस्लिमों को ही इसका शिकार होना पड़ेगा. उन्होंने सवाल किया कि हमारे पूर्वज पाकिस्तान क्यों नहीं गए?
आजम खान ने आजादी के दौर क बात करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों को मौलाना आजाद, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल और गांधी ने वादा किया था. इसीलिए वो पाकिस्तान नहीं गए. इसीलिए यह सवाल उन्हीं लोगों से पूछिए.
आजम खान ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर दुख जताया और कहा कि ऐसी घटनाएं रुकनी चाहिए. देशभर में मुस्लिमों के साथ ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं. बता दें कि शुक्रवार को बिहार के सारण में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. भीड़ ने इन्हें मवेशी चोरी के आरोप में इतना पीटा कि तीनों की मौके पर ही मौत हो गई. जिसके बाद देशभर से कई लोगों ने इस घटना को लेकर गुस्सा जाहिर किया.
जमीन विवाद में फंसे हैं आजम
आजम खान फिलहाल जमीन विवाद में फंसे हैं. योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार उनके खिलाफ जांच में जुटी है. उन पर किसानों की जमीन हड़पने का आरोप है. यूपी सरकार के भू-माफिया विरोधी पोर्टल पर आजम खान को भू-माफिया के तौर पर जगह दिए जाने पर भी विचार चल रहा है. आजम खान के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, जिनमें जबरन भूमि हड़पना, धमकाना और इसी तरह की कई शिकायतें शामिल हैं.
आजम खान के खिलाफ इतने मुकदमे दर्ज होने के बाद अब उनकी गिरफ्तारी की बात भी हो रही है. जांच अधिकार कभी भी उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं. आजम खान पर रामपुर में जिन जमीनों को हड़पने का आरोप है, उनकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है.
पार्टी का मिला सपोर्ट
एक तरफ जहां आजम खान पर जांच चल रही है और गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है, वहीं उनकी पार्टी अब उनके समर्थन में उतर चुकी है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी विधायकों व विधान परिषद सदस्यों की एक जांच समिति नियुक्त की है, जो रामपुर के सांसद के खिलाफ आरोपों की जांच करेगी.
इन आरोपों को पार्टी के मुख्य प्रवक्ता ने 'फर्जी मामले' बताया है. 22 सदस्यीय समिति विधान परिषद में विपक्ष के नेता अहमद हसन की अगुवाई में 20 जुलाई को जांच करने रामपुर पहुंचेगी. यह समिति आजम खान के खिलाफ किसानों की जमीन पर हाल में अतिक्रमण के मामलों की जांच करेगी. समिति को तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)