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BHU: फिरोज खान की नियुक्ति पर विवाद जारी, समर्थन में उतरीं मायावती

BHU के संस्कृत विभाग में नियुक्त मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान को लेकर कुछ छात्र धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.

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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विभाग में नियुक्त हुए एक मुस्लिम असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान के समर्थन में अब उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती भी उतर आई हैं. मायावती ने फिरोज खान की नियुक्ति‍ का विरोध कर रहे लोगों के साथ-साथ सरकार पर भी हमला बोला है. मायावती ने इस मामले में हो रहे विरोध के लिए प्रशासन को भी जिम्मेदार ठहराया है.

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मायावती ने ट्वीट कर कहा:

“बनारस हिन्दू केन्द्रीय विवि में संस्कृत के टीचर के रूप में पीएचडी स्‍कॉलर फिरोज खान को लेकर विवाद पर शासन/प्रशासन का ढुलमुल रवैया ही मामले को बेवजह तूल दे रहा है. कुछ लोगों द्वारा शिक्षा को धर्म/जाति की अति-राजनीति से जोड़ने के कारण उपजे इस विवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है.”

मायावती ने फिरोज खान को बताया संस्कृत विद्वान

मायावती ने एक और ट्वीट कर कहा, "बीएचयू द्वारा एक अति-उपयुक्त मुस्लिम संस्कृत विद्वान को अपने शिक्षक के रूप में नियुक्त करना टैलेन्ट को सही प्रश्रय देना ही माना जाएगा और इस सम्बंध में मनोबल गिराने वाला कोई भी काम किसी को करने की इजाजत बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए. सरकार इस पर तुरन्त समुचित ध्यान दे तो बेहतर होगा."

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि बीएचयू के संस्कृत विभाग में नियुक्त हुए पहले मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान को लेकर यूनिवर्सिटी परिसर में कुछ छात्र धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. ये धरना 7 नवंबर से जारी है.

आरएसएस से जुड़े छात्र संघ ABVP के सदस्यों ने फिरोज के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. वो मांग करने लगे कि जिस तरह एक हिन्दू मदरसे में नहीं पढ़ा सकता, उसी तरह एक मुसलमान गुरुकुल में नहीं पढ़ा सकता.

विरोध करने वालों का तर्क है कि संस्कृत पढ़ाने वाला मुस्लिम कैसे हो सकता है? उनका कहना है कि अगर कोई हमारी संस्कृति और भावनाओं से जुड़ा हुआ नहीं है, तो वह कैसे उन्हें और उनके धर्म को समझ सकता है.

परेश रावल भी उतरे समर्थन में

एक्टर और बीजेपी के पूर्व सांसद परेश रावल भी फिरोज खान के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए BHU के संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर छात्रों द्वारा किए जा रहे विरोध की निंदा की है. अपने ट्वीट में परेश रावल ने लिखा:

‘’मैं प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर हो रहे विरोध से स्‍तब्‍ध हूं. भाषा का धर्म से क्या लेना-देना है. यह तो विडंबना ही है कि प्रोफेसर फिरोज खान ने अपनी मास्टर और पीएचडी संस्कृत में की है. भगवान के लिए यह मूर्खता बंद की जानी चाहिए’’.
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फिरोज खान ने कहा- पहले मुझे समझ तो लो

क्विंट से खास बातचीत में फिरोज ने उम्मीद जताई कि ये बवाल जल्द ही खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा,

“हो सकता है कि मैं BHU के छात्रों के सोचने का तरीका बदल पाऊं. ये नहीं पता कि मैं ये कैसे करूंगा, पर देखते हैं कि आगे क्या होता है. अगर वो मुझे अच्छी तरह जान लें तो हो सकता है कि वो मुझे पसंद करें”

बता दें इस विरोध को देखते हुए फिलहाल फिरोज खान ने ऐसिस्टेंट प्रोफेसर पद पर कार्यभार ग्रहण किया लेकिन उसके अगले दिन ही उन्हें छुट्टी पर जाना पड़ा.

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