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पवन वर्मा पर बोले नीतीश- ‘जहां जाना हो वहां जाएं, मुझे नहीं ऐतराज’

पवन वर्मा को लेकर नीतीश की प्रतिक्रिया

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वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा

बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू चीफ नीतीश कुमार ने पिछले कुछ समय में कई मुद्दों को लेकर पार्टी के कदमों पर सवाल उठाने वाले नेता पवन वर्मा को लेकर प्रतिक्रिया दी है.

नीतीश ने कहा है, ''मैं उनकी (पवन वर्मा) की इज्जत करता हूं, भले ही वो हम लोगों की नहीं करते हों. यह उनका अपना निर्णय है, जहां जाना हो वहां जाएं. मुझे इस पर कोई एतराज नहीं है.''

इसके अलावा नीतीश ने कहा,''अगर किसी के मन में कोई बात है तो आकर विमर्श करना चाहिए, बातचीत करनी चाहिए और इसके लिए जरूरी समझें तो पार्टी बैठक में चर्चा करनी चाहिए. ये किस तरह का वक्तव्य आप दे रहे हो कि 'हमसे क्या बात करते थे'. अब ये हम बताएंगे कि हमसे क्या बात करते थे.''

नीतीश के इस बयान पर पवन वर्मा की प्रतिक्रिया भी आ चुकी है. उन्होंने कहा है, ''मैं नीतीश कुमार के बयान का स्वागत करता हूं कि पार्टी के अंदर विमर्श की जगह है, मैंने भी इसी के लिए कहा था. कभी भी मेरा इरादा उनको नुकसान पहुंचाने का नहीं था. मैं पार्टी में वैचारिक स्पष्टता चाहता हूं. मैं अपने लेटर के जवाब का इंतजार कर रहा हूं, इसी के बाद आगे का फैसला करूंगा.''

बता दें कि जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने 21 जनवरी को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर नीतीश कुमार से ‘विस्तृत बयान’ देने की मांग की थी.

इससे पहले वर्मा ने नीतीश कुमार को एक लेटर लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था, ''मैं समझता हूं कि जेडीयू और बीजेपी दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव गठबंधन के तहत लड़ने वाली हैं. हालिया वक्त में, यह पहली बार है कि हम एक औपचारिक गठबंधन के जरिए बिहार के बाहर बीजेपी के साथ अपने संबंध का विस्तार करेंगे.''

वर्मा ने लिखा था, ''अगस्त 2012 में पटना में आपके साथ मेरी पहली मुलाकात के दौरान आपने मुझसे इस बारे में बात की थी कि किस तरह नरेंद्र मोदी की नीतियां देश के लिए नुकसानदायक हैं...जब आप महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे थे तो आपने खुलेआम 'RSS मुक्त भारत' की बात कही थी.''

इसके अलावा वर्मा ने लिखा था,

‘’आपके व्यक्तिगत नजरिए के हिसाब से, जैसा कि मुझे पता है, बीजेपी इंस्टिट्यूशन्स को तबाह कर रही है और देश में लोकतांत्रिक और सामाजिक ताकतों की जरूरत है...अगर यह आपका वास्तविक नजरिया है तो मैं यह समझने में नाकाम हूं कि जेडीयू कैसे अब बिहार के बाहर बीजेपी के साथ गठबंधन का विस्तार कर रही है, यहां तक कि तब, जब बीजेपी के साथ लंबे समय से रहे अकाली दल जैसे सहयोगियों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है.’’

वर्मा ने यह लेटर ऐसे वक्त में लिखा, जब कई रिपोर्ट्स में दिल्ली में बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन के तहत विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही गई.

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