बिहार (Bihar Politics) में फिर से खेला हो गया है, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर सीएम पद से पहले इस्तीफा दिया और फिर आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाने का ऐलान कर दिया. मतलब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की जोड़ी एक बार फिर बिहार की सरकार चलाती नजर आएगी. आरजेडी के मुताबिक, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे और पहले की ही तरह तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम का पद संभालेंगे.
बिहार में ये सारी उठापटक पिछले 48 घंटे में हुई है. इन्हीं दो दिनों में एक सरकार गिरी, गठबंधन टूटा और दूसरा गठबंधन होकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया गया. अब यहां एक बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर बीजेपी ने नीतीश कुमार को रोकने के लिए क्या किया. क्योंकि पिछले दो दिन में तो सबको समझ आ गया था कि क्या होने जा रहा है. तो बीजेपी भी इससे अनजान तो होगी नहीं.
बीजेपी ने नीतीश को रोकने के लिए क्या किया?
बिहार में बीजेपी के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि बड़ी लीडरशिप वो अभी तक बना नहीं पाई है और दिल्ली पर बहुत कुछ निर्भर करता है. जब 2020 में बीजेपी जेडीयू से काफी ज्यादा सीटें जीतकर आई तब भी दिल्ली से ही ऐलान हुआ कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे. अब बिहार के इस एपिसोड की खासियत ये है कि नीतीश कुमार ने जितनी जल्दी चाल चली है. उससे पटना से दिल्ली दूर ही नजर आई है.
अमित शाह ने नीतीश कुमार से की बात?
7 अगस्त को जब ये बात तमाम न्यूज चैनलों की हेडलाइन बनी कि NDA गठबंधन अब बिहार में टूट की कगार पर है. तो सूत्रों के हवाले से खबर आई कि अमित शाह ने नीतीश कुमार को फोन किया. लेकिन नीतीश कुमार नहीं माने और नतीजा आपके सामने है.
बीजेपी को पता था नीतीश जाने वाले हैं?
एनडीटीवी ने बीजेपी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि, पार्टी ने नीतीश कुमार को रोकने और मनाने की कोई कोशिश नहीं की. क्योंकि बीजेपी को पता था कि, नीतीश कुमार दिल्ली आना चाहते हैं और 2024 में खुद को नेशनल राजनीति तक ले जाना चाहते हैं. इस ओर इशारा करते हुए उपेंद्र कुशवाहाने एक ट्वीट भी किया.
पिछले 48 घंटे में बीजेपी ने क्या किया?
8 अगस्त को जब नीतीश कुमार अपने नेताओं के साथ बैटक कर रहे थे और तेजस्वी यादव अपने नेताओं के साथ. उससे पहले ही 7 अगस्त की शाम को बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल दिल्ली गए. वहां से आकर 8 अगस्त को उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के साथ 6 घंटे में दो बार बैठक की. एक बार तमाम नेताओं के साथ तारकिशोर प्रसाद के घर पर बैठक की. लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ और गठबंधन टूट गया.
बीजेपी अब क्या कर रही है?
फिलहाल बिहार में बीजेपी बहुत कुछ करने की स्थिति में नहीं है. महागठबंधन के पास पूरे नंबरों से भी कहीं ज्यादा हैं. नीतीश के साथ-साथ हम और वीआईपी जैसी छोटी पार्टियां भी चली गई हैं. अब बीजेपी नेता नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं. हालांकि जब तक गठबंधन पूरी तरह से नहीं टूटा था किसी बीजेपी नेता ने कुछ नहीं बोला था.
अब बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, नीतीश कुमार ने बीजेपी और बिहार की जनता को धोखा दिया है. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी के नाम पर मैंडेट लिया और अब पाला बदल लिया. उन्होंने आगे कहा कि, अब की बात नहीं है इससे पहले भी 2015 में उन्होंने चुनाव किसी और के साथ मिलकर जीता और फिर चले गए कहीं और.
इसके अलावा गिरिराज सिंह ने भी कहा कि नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा जागी है, लेकिन वो कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे. देश छोड़िए उन्हें बिहार की जनता ही एक बार फिर सबक सिखाएगी.
JDU के खिलाफ धरना देगी बीजेपी
बिहार बीजेपी ने मुख्यालय पर बैठक के बाद ऐलान किया है कि वो 11 अगस्त को जेडीयू के पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेगी. इसके बाद प्रदर्शन का दायरा बढ़ाया जाएगा और 12 अगस्त को जेडीयू के सभी जिला मुख्यालयों के बाहर बीजेपी प्रदर्शन करेगी और उसके बाद 13 अगस्त को सभी प्रखंड मुख्यालयों पर प्रदर्शन होगा.
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