बिहार (Bihar) की महागठबंधन (Mahagathbandhan) सरकार के दो बड़े घटक दल RJD और JDU नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद को लेकर वार-पलटवार के बाद अब एक बार फिर दोनों पार्टियों के नेता आमने-सामने हैं. जिसके बाद बिहार के सियासी गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि क्या महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है?
क्या है पूरा मामला?
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और उन्हीं के विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच शुरू हुआ विवाद अब RJD और JDU के बीच नाक की लड़ाई बनती दिख रही है. RJD नेता एक तरफ शिक्षा मंत्री के फेवर में खड़े दिख रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ जेडीयू नेता अपर मुख्य सचिव केके पाठक के समर्थन में हैं.
JDU कोटे से भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने शुक्रवार को पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वह किसी आरजेडी के नेता को नहीं जानते. वह सिर्फ जानते हैं तो लालू यादव और राबड़ी देवी को, जो 1990 से लेकर 2005 तक बिहार में सत्तारूढ़ दल के मुखिया थे.
अशोक चौधरी यहीं नहीं रुके, उन्होंने 1990 से लेकर 2005 तक बिहार में लालू-राबड़ी सरकार को जंगलराज तक कह डाला.
RJD एमएलसी सुनील सिंह ने किया पलटवार
अशोक चौधरी के जंगल राज वाले बयान पर RJD एमएलसी सुनील सिंह ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि, "अशोक चौधरी ने जंगल राज की चर्चा की है. मैं याद दिलाना चाहूंगा कि जिस समय में लालू प्रसाद यादव की सरकार थी, उस समय में अशोक चौधरी भी महत्वपूर्ण पद पर थे."
इसके साथ ही उन्होंने मंत्री अशोक चौधरी के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि साल 1995 में एक सहकारिता के बड़े नेता थे, उनकी हत्या हुई थी. उनकी हत्या में भी अशोक चौधरी का नाम आया था और किस तरह से उनकी जान बची यह जग जाहिर है. लालू यादव ने उस समय अशोक चौधरी को बचाया था, नहीं तो आज उनका कुछ अता पता भी नहीं मिलता.
सुनील सिंह यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा कि, "मैं जब से राजनीति में आया लालू परिवार के साथ हूं. कहीं भी किसी के साथ नहीं गया हूं, लेकिन अशोक चौधरी कहां थे, कहां से कहां गए और अब कहां हैं और किस तरह की भाषा बोल रहे हैं वह जनता भी देख रही है. सब लोग जानते हैं बीजेपी की भाषा कौन बोल रहा है? या बीजेपी के साथ कौन रहा है."
JDU ने दी चेतावनी
JDU प्रदेश प्रवक्ता डॉ. सुनील कुमार ने शनिवार को RJD एमएलसी सुनील कुमार सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर वे इसी तरह JDU पर हमला बोलते रहे तो JDU का भी धैर्य टूट सकता है. इसके साथ ही उन्होंने RJD के शीर्ष नेतृत्व से बड़बोले नेताओं पर अंकुश लगाने और कार्रवाई की भी मांग की है. उन्होंने कहा कि,
"एक मनोवैज्ञानिक समस्या होती है- अटेंशन सीकिंग डिसऑर्डर. इसमें व्यक्ति को लगता है कि हम पर लोगों का ध्यान आकृष्ट हो. वैसे लोगों का इलाज यही है कि ऐसे लोगों पर ध्यान न दिया जाए. और वैसे लोगों के बयान और प्रतिक्रिया का हम नोटिस न लें."
बता दें कि कुछ दिन पहले ही शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य सचिव के बीच विवाद खुलकर सामने आ गया था. 4 जुलाई को शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के आप्त सचिव डॉ. कृष्णा नंद यादव ने अपर मुख्य सचिव केके पाठक के नाम एक पीत पत्र लिखा था. जिसके बाद RJD और JDU के नेता आमने-सामने हो गए थे.
(इनपुट: महीप राज)
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