बीजेपी के सासंद सत्यपाल सिंह ने फिर से उस थ्योरी को गलत साबित कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि मनुष्य पहले बंदर की तरह दिखते थे. सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा है कि हम बंदरों की नहीं बल्कि संतों की संतान हैं. सत्यपाल सिंह ने मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019 का विरोध करने को लेकर विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में कभी मानवाधिकार को लेकर बात नहीं की गई है, बल्कि अच्छे सदाचारी चरित्र पर जोर दिया गया है.
लोकसभा में विधेयक पर बहस में हिस्सा लेते हुए मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त ने कहा, "मानव प्रकृति की खास रचना है. हमारा मानना है कि हम भारतीय संतों की संतान हैं. हम उनकी भावना को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते हैं जिनका कहना है कि वे बंदरों की संतान हैं."
वेदों का दिया ज्ञान
बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह ने संसद में वेदों का भी जिक्र किया. उन्होंने वेदों की कुछ बातें सदन में बैठे अपने साथी सांसदों को बताईं. उन्होंने कहा, "हमारी संस्कृति में मानवीय चरित्र के निर्माण पर जोर दिया जाता है. हमारे वेदों में हमें सदाचारी इंसान बनने और अच्छे इंसान पैदा करने की शिक्षा दी गई है. हमारी संस्कृति सच्चे इंसान बनने पर जोर देती है."
एक उद्धरण पेश करते हुए उन्होंने कहा, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च जाने से धर्म की कसौटी पूरी नहीं होती है. धर्म के अनुसार, हमें उसी तरह का व्यवहार करना चाहिए जिस तरह के व्यवहार की अपेक्षा हम दूसरों से अपने लिए करते हैं. अगर मैं चाहता हूं कि कोई मुझे तंग न करे तो मुझे भी किसी दूसरे को तंग नहीं करना चाहिए. यह धर्म है.
सत्यपाल सिंह के बयान का विरोध करते हुए विपक्षी दलों ने उनका जवाब दिया. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, यह बयान सिद्धांत के खिलाफ है.' वहीं द्रमुक सांसद कनिमोई ने कहा, दुर्भाग्य से मेरे पूर्वज ऋषि नहीं हैं. मेरे पूर्वज होमो सैपियंस हैं जैसा कि वैज्ञानिक कहते हैं और मेरे माता-पिता शूद्र हैं. वे किसी भगवान से भी नहीं जन्मे थे. हालांकि सत्यपाल सिंह ने पहली बार ऐसा नहीं कहा है. वो पहले भी इस सिद्धांत को गलत बता चुके हैं.
डार्विन थ्योरी को बताया गलत
सांसद सत्यपाल सिंह ने डार्विन थ्योरी को एक बार फिर गलत साबित करने की कोशिश की. डार्विन ने 1859 में एक सिद्धांत दिया था. जिसके मुताबिक 40 लाख साल पहले इंसान ऑस्ट्रेलोपिथेकस से पैदा हुआ था. जिसके बाद कई चरणों में इंसान का विकास होने लगा. लेकिन बीजेपी सांसद इस थ्योरी को मानने के लिए तैयार नहीं हैं.
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