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महाराष्ट्र: क्यों ठगा महसूस कर रही हैं BJP की सहयोगी पार्टियां

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के लिए 21 अक्टूबर को वोटिंग होनी है

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 में BJP की छोटी सहयोगी पार्टियां ठगा हुआ महसूस कर रही हैं. इन पार्टियों में राष्ट्रीय समाज पार्टी (RSP) और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) यानी RPI (A) जैसी पार्टियां शामिल हैं.

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अंग्रेजी अखबार द इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, इन पार्टियों का कहना है कि BJP ने जिन सीटों को अपने छोटे सहयोगियों के लिए छोड़ने की बात कही, उन सीटों पर वो खुद ही लड़ रही है.

RSP के अध्यक्ष महादेव जानकार ने इस बारे में 7 अक्टूबर को कहा, ‘’मेरे साथ धोखा हुआ है.’’ उन्होंने कहा कि भले ही BJP ने दावा किया कि उसने अपने सहयोगियों को सीटें दी हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और है.

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, साल 2014 में दौंड विधानसभा सीट पर RSP उम्मीदवार राहुल कुल ने चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी. हालांकि इस बार कुल ने BJP उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है. नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद वह औपचारिक तौर पर BJP में शामिल हो गए.

जानकार ने बताया, ''दौंड और जिंतूर विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों ने बीजेपी से (फॉर्म) A और B भरे हैं. वे उसके ही चुनाव चिह्न पर लड़ रहे हैं, वे हमारे उम्मीदवार नहीं हैं.'' उन्होंने कहा कि हमारा उम्मीदवार सिर्फ गंगाखेड़ सीट पर है.

हालांकि गंगाखेड़ सीट को BJP ने RSP के साथ-साथ शिवसेना को भी दे दिया. इसे लेकर जानकार ने BJP और शिवसेना से अनुरोध किया कि कम से कम इस सीट पर तो उनकी पार्टी को समर्थन मिले.

RSP अध्यक्ष जानकार ने बताया,

‘’मैंने (महाराष्ट्र BJP चीफ) चंद्रकांत पाटिल और CM (देवेंद्र फडणवीस) से बात की. दोनों ने मुझे सीटों को लेकर भरोसा दिलाया. हालांकि, मेरे साथ सीधे तौर पर धोखा हुआ है.’’
महादेव जानकार, RSP अध्यक्ष

इस सबके बावजूद, RSP अध्यक्ष ने कहा है कि वह गठबंधन नहीं छोड़ेंगे क्योंकि इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा कि RSP सीटों की वजह से गठबंधन से बाहर निकल गई.

सीट बंटवारे पर RPI (A) भी RSP की तरह महसूस कर रही है. कहने को तो BJP ने RPI (A)को 5 सीटें दी हैं, लेकिन RPI (A) के नेताओं का कहना है कि इन सीटों के उम्मीदवार उनकी पार्टी के सदस्य नहीं हैं.

इस बारे में एक RPI (A) नेता ने कहा, ''जिन 5 लोगों को टिकट दिया गया है, ये वो हैं जिनको BJP अपनी पार्टी में नहीं ला पाई. ऐसे में BJP ने उनको हमारी पार्टी से टिकट दे दिए, आधिकारिक तौर पर वे BJP के चुनाव चिह्न से लड़ रहे हैं.''

बीजेपी के सहयोगी दल शिव संग्राम पार्टी की कहानी भी दूसरी छोटी पार्टियों जैसी ही है. दरअसल शिव संग्राम पार्टी की नेता और वर्सोवा से विधायक भारती लावेकर ने इस बार BJP उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है.

ये भी देखें: महाराष्ट्र स्टेट बस में चुनावी चर्चा: वोटर के मन में क्या है?

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