हिमाचल प्रदेश में 9 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. यूं तो हर सीट पर दिग्गज नेताओं के बीच कांटे की टक्कर है, लेकिन कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन पर दोनों प्रमुख पार्टी कांग्रेस और बीजेपी का हमेशा से दबदबा रहा है. इस सीटों पर आलम ये है कि विपक्षी दलों के लिए यहां जीत की गुंजाइश न के बराबर ही रहती है. ऐसी ही एक सीट है 'रोहडू', जिसे वीरभद्र सिंह की कर्मभूमि के नाम से जाना जाता है.
रोहडू में वीरभद्र का शानदार रिकॉर्ड
रोहडू सीट पर कांग्रेस का एक छत्र राज रहा है. 1977 को छोड़ दें, तो यहां हुए अब तक आठ चुनावों में कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल कर बीजेपी को इस क्षेत्र से महरूम रखा है. इस विधानसभा क्षेत्र से अकेले ही छह बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पांच बार लगातार चुनाव जीता है. यही वजह है कि इस क्षेत्र को वीरभद्र की कर्मभूमि के नाम से जाना जाता है. सीट संख्या-67 रोहडू विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 112,238 है, जिसमें से इस दफा 68,568 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. शिमला लोकसभा क्षेत्र और शिमला जिले का हिस्सा रोहडू विधानसभा किसी पहचान का मोहताज नहीं है.
कांग्रेस का मजबूत गढ़ है रोहडू
2008 में परिसीमन के बाद यह विधानसभा क्षेत्र अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया, जिससे वीरभद्र को यह सीट छोड़नी पड़ी और उन्होंने शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. लेकिन वीरभद्र का साथ छूटने के बाद भी क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा और अगले चुनाव 2012 में भी कांग्रेस ने ही बाजी मारी. कांग्रेस का गढ़ रहे रोहडू में 2012 चुनाव में मोहन लाल बराक्टा ने पार्टी के बैनर तले चुनाव जीता था.
परिसीमन के बाद उन्हें यह सीट वीरभद्र की विरासत के रूप में मिली है. राजनीति का लंबा अनुभव न होने के कारण भी उन्होंने रोहडू पर आसानी से जीत दर्ज कर ली थी. 2012 के विधानसभा चुनाव में मोहन ने बीजेपी के बालक राम नेगी को रिकॉर्ड 28,415 मतों से हराया था. उन्होंने एक बार फिर 2017 चुनाव में यहां से नामांकन दाखिल कर अपनी दावेदारी पेश की है.
बीजेपी ठोक रही ताल
वहीं मुख्य विपक्षी दल बीजेपी हमेशा से ही इस क्षेत्र में चुनौती पेश करने में विफल रही है पहले वीरभद्र और अब मोहन बीजेपी के लिए गले की फांस बने हुए हैं. बीजेपी ने चुनाव में महिला प्रत्याशी शशि बाला को मैदान में उतारा है. शशि बाला रोहडू विधानसभा से खड़ी होने वाली पहली महिला प्रत्याशी हैं और पार्टी में जिला महासू महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं. शशि रोहड़ू में कुछ माह पहले ही सक्रिय हुई हैं, जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें अपना विधानसभा प्रत्याशी घोषित किया है.
हिमाचल प्रदेश चुनाव में हर नेता की किस्मत और कुर्सी दांव पर लगी है, लेकिन कांग्रेस के लिए जंग वीरभद्र की विरासत को बचाने की है. आंकड़े दर्शाते हैं कि यहां कब्जा और सियासत दोनों कांग्रेस के माफिक ही रही है, जिसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि नतीजे भी कुछ इसी तरह की ही कहानी बयां करने जा रहे हैं.
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