रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर रक्षा और राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दों से समझौता करने का आरोप लगाते हुए जमकर हमला बोला. रक्षा मंत्री ने कहा कि बोफोर्स एक घोटाला था, जिसके कारण कांग्रेस की सत्ता चली गई, जबकि राफेल मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा से सत्ता में लाएगा.
राफेल मुद्दे पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने राफेल विमानों की कीमत, एचएएल को ऑफसेट में शामिल नहीं किए जाने, कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने और प्रक्रियाओं का पालन नहीं करने समेत विपक्षी दलों के सभी आरोपों का एक-एक करके जवाब दिया. सीतारमण ने दावा किया कि कांग्रेस के अपनी सरकार में रक्षा और राष्ट्रहित की अनदेखी की.
'बिना दलालों के चल रहा है रक्षा मंत्रालय'
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सफाई मांगते हुए कहा, ‘‘मेरा सीधा आरोप प्रधानमंत्री मोदी पर है और मैं साफ कहता हूं कि वो इस मामले में शामिल हैं.'‘ राहुल गांधी के आरोपों को गलत और गुमराह करने वाला करार देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि साढ़े चार साल तक बिना भ्रष्टाचार के आरोपों के चली सरकार पर किसी न किसी तरह भ्रष्टाचार के आरोप लगाने की हताशा के तहत ये सब किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इस सरकार में रक्षा मंत्रालय बिना दलालों के चल रहा है. राहुल गांधी फ्रांस के राष्ट्रपति का हवाला बिना सबूत के दे रहे हैं और वो पीएम मोदी पर निशाना साधते हैं. वो फ्रांस से निजी बातचीत के सबूत दिखाएं.
बोफोर्स एक घोटाला था, जबकि राफेल विमान रक्षा जरूरत से जुड़ा है. बोफोर्स ने उन्हें (कांग्रेस) हटाया. वो चुनाव हार गए. राफेल हमें वापस लाएगा. राफेल मोदी सरकार को वापस लाएगा. राफेल नए भारत के लिए मोदी सरकार को वापस लाएगा. राफेल भ्रष्टाचार मिटाने के लिए मोदी सरकार को वापस लाएगा.निर्मला सीतारमण, रक्षा मंत्री
सीतारमण ने कहा कि सरकार में रहते हुए कांग्रेस की मंशा 10 सालों में राफेल विमान खरीदने और राष्ट्रीय सुरक्षा की नहीं थी, जबकि मौजूदा सरकार ने बेहतर शर्तों के आधार पर यूपीए के समय के उड़ान भरने की स्थिति वाले 18 विमानों की तुलना में 36 विमान खरीदने का सौदा 9 फीसदी कम कीमत पर किया.
'पैसा नहीं मिला, तो सौदा रोक दिया'
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रक्षा मंत्री ने सदन में कहा ‘‘आपने (कांग्रेस) सौदे को रोक दिया. ये भूल गए कि वायुसेना को इसकी जरूरत है. क्योंकि ये सौदा आपको रास नहीं आया. दरअसल, इससे आपको पैसा नहीं मिला.''
राहुल गांधी ने मांगी सफाई
सदन में रक्षा मंत्री के बयान पर सफाई मांगते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं रक्षा मंत्री सीतारमण या पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पर आरोप नहीं लगा रहा हूं. मेरा सीधा आरोप प्रधानमंत्री मोदी पर है और मैं साफ कहता हूं कि वो इस मामले में शामिल हैं.'
उन्होंने पूछा कि रक्षा मंत्री इस सवाल का जवाब दें कि एचएएल के बजाय अनिल अंबानी को सौदा दिलाने का फैसला किसने लिया? यूपीए के समय जिन एल-1 कैटेगरी के विमानों का दाम 560 करोड़ रुपये था, वह आपके समय 1600 करोड़ रुपये कैसे हो गया?
उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से अपनी निजी बातचीत और पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद के बयान का जिक्र किया. राहुल ने कहा कि ओलांद ने अपने बयान में कहा था कि ऑफसेट साझेदार के लिए अनिल अंबानी का नाम भारत के प्रधानमंत्री और भारत सरकार की ओर से दिया गया और ‘‘मैंने प्रधानमंत्री से सिर्फ यह अनुरोध किया था कि अगर ओलांद गलत कह रहे हैं तो वह उन्हें फोन कर ऐसे बयान नहीं देने को कहें.''
रक्षा मंत्री का पलटवार
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार करते हुए कहा कि वो (कांग्रेस) देश को गुमराह कर रहे हैं कि यूपीए सरकार 126 विमान खरीद रही थी. सच ये है कि 18 विमान फ्लाईवे स्थिति में खरीदे जाने वाले थे और बाकी विमान 11 साल में बनते.
रक्षा मंत्री ने पूछा-
- मैं जानना चाहती हूं कि जब विमान की तत्काल जरूरत थी तो फिर इतना समय क्यों लगा?
- साल 2006 से 2014 के बीच 18 विमान भी क्यों नहीं आए?
- कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि ये सौदा क्यों नहीं हुआ?
- वो 108 विमान देश के भीतर बनाने का मुद्दा हल क्यों नहीं कर सके?
सीतारमण ने दावा किया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने एचएएल को बड़े रक्षा सौदे दिए. उन्होंने कहा कि आपको एचएएल की चिंता है. आपको ज्यादा परेशानी हो रही है क्योंकि मिशेल यहां आ गया है. आपने अगस्ता वेस्टलैंड का ठेका एचएएल को क्यों नहीं दिया? इसलिए नहीं दिया क्योंकि एचएएल आपको कुछ नहीं देता.
एचएएल ने कहा था कि इस विमान को तैयार करने में उसे ज्यादा दिन लगेंगे. स्वदेश लड़ाकू विमान समेत कई परियोजनाओं में एचएएल की ओर से ज्यादा समय लगाए जाने का उल्लेख संसदीय समिति की कई रिपोर्ट में आ चुकी है.निर्मला सीतारमण, रक्षा मंत्री
2019 में भारत आ जाएगा पहला राफेल
सीतारमण ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने कीमत, प्रक्रिया और ऑफसेट तीन विषयों पर विचार करने के बाद कहा कि इन आधारों पर इस अदालत के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस यूपीए के समय 10 सालों में एक भी राफेल विमान नहीं आया जबकि वर्तमान सरकार के तहत सरकारों के बीच समझौते पर 23 सितंबर, 2016 को हस्ताक्षर किए गए और पहला विमान इस तारीख से तीन साल के भीतर यानी 2019 में आ जाएगा और बाकी विमान 2022 तक आ जाएंगे.
रक्षा मंत्री के जवाब के बाद राहुल गांधी को दोबारा सफाई का मौका नहीं दिए जाने और सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने की अनुमति नहीं दिए जाने पर असंतोष जताते हुए कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया.
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