पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर विवादित बयान देने वाले केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्ननथनम का एक और बेहद बेतुका बयान सामने आया है. अल्फोंस ने सरकार के आधार कार्यक्रम पर सवाल खड़े करने वाले लोगों पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ये ऐसे लोग हैं जो अमेरिका का वीजा पाने के लिए गोरे लोगों के सामने निर्वस्त्र होने के लिए तैयार होते हैं लेकिन अपनी खुद की सरकार के साथ बुनियादी जानकारी साझा करने को लेकर निजता का रोना रोता हैं.
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी और संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री ने भरोसा दिया कि आधार के तहत जमा की गयी सूचना सुरक्षित है और दावा किया कि डेटा में सेंधमारी की खबरें गलत हैं.
आधार के आलोचकों पर कटाक्ष
अल्फोंस ने आधार के आलोचकों पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘ अमेरिका का वीजा पाने के लिए आप 10 पन्नों की सूचना देते हैं, इसमें वो जानकारी होते हैं जो आपने कभी पत्नी या पति को भी नहीं देते, लेकिन एक श्वेत व्यक्ति को दे देते हैं. हमें आपके वहां जाकर फिंगरप्रिंट्स और आंख की पुतली स्कैन कराने और श्वेत व्यक्ति के सामने पूरी तरह निर्वस्त्र होने में कोई दिक्कत नहीं है.'' मंत्री ने कहा, ‘‘ लेकिन जब भारत सरकार, जो की आपकी अपनी सरकार है, आपसे केवल आपका नाम और पता मांगती है तो देश में एक बड़ी क्रांति शुरू हो जाती है. ये कहा जाता है कि ये लोगों की निजता में घुसपैठ है. मेरा मतलब है कि हम किस हद तक जा सकते हैं? सर्वोच्च न्यायालय को फैसला करने दें.''
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
इससे पहले पिछले साल पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर अल्फोंस ने ऐसा बयान दिया था कि शायद ही किसी आम आदमी के गले से नीचे उतरे. उन्होंने लगातार बढ़ती कीमतों को जायज ठहराते हुए कहा था कि इसका फायदा गरीबों को मिलेगा. वो यहीं नहीं रुके. उन्होंने ये भी कहा कि पेट्रोल वही खरीदते हैं जिनके पास कार या मोटरसाइकिल होती है. कार और बाइक रखने वाले भूखे नहीं मर रहे.
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