पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ धरने पर बैठे पांच IPS अफसरों पर कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा है. गृह मंत्रालय उन अफसरों से मेडल वापस लेने समेत कई तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की तैयारी में है.
गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से उन पांच पुलिस अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है, जिन्होंने 3,4 और 5 फरवरी को कोलकाता में धरना-प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही सरकार इन पुलिस अफसरों से मेडल वापस लिए जाने पर भी विचार कर रही है.
गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, केंद्र एम्पैनल्ड लिस्ट से दोषी अधिकारियों के नाम काट सकती है और एक निश्चित समय के लिए केंद्रीय सेवा में आने पर रोक भी लगाया जा सकता है.
इन IPS अफसरों पर हो सकती है कार्रवाई-
- 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी व पुलिस महानिदेशक (डीजी) वीरेंद्र
- 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी व अतिरिक्त महानिदेशक विनीत गोयल
- 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी व अतिरिक्त (डीजी) कानून एवं व्यवस्था अनुज शर्मा
- 1993 बैच के अधिकारी व पुलिस आयुक्त (सीपी) ज्ञानवंत सिंह
- 1997 बैच के अधिकारी अतिरिक्त सीपी सुप्रतिम सरकार
क्या है मामला?
तीन फरवरी को सारदा चिटफंड घोटाले की जांच को लेकर जब सीबीआई ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर छापेमारी की कोशिश की, तो कोलकाता पुलिस ने सीबीआई की टीम को बाहर ही रोक लिया. पुलिस ने सीबीआई की टीम को हिरासत में ले लिया. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौके पर वहां पहुंच गईं और कमिश्नर के पक्ष में खुलकर सामने आ गईं.
ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला और तमाम पुलिस अफसरों के साथ मेट्रो चैनल इलाके में धरने पर बैठ गईं. देशभर की सभी विपक्षी पार्टियां भी ममता के समर्थन में आ गईं. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को सारदा चिटफंड घोटाले की जांच के लिए सीबीआई के सामने शिलांग में पेश होने के लिए कहा. इसके बाद शाम को ममता बनर्जी ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया.
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