ADVERTISEMENTREMOVE AD

चंद्रशेखर रावण गोरखपुर सदर से CM योगी के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव

चंद्रशेखर आजाद की पार्टी उत्तर प्रदेश चुनाव में अकेले ही लड़ेगी.

story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा

चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad गोरखपुर सदर से CM योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.आजाद समाज पार्टी ने चंद्रशेखर आजाद को गोरखपुर सदर से अपना उम्मीदवार घोषित किया है. चन्द्रशेखर आजाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देने की तैयारी में जुट गए हैं. हालांकि उनके लिए थोड़ा मुश्किल जरूर है क्योंकि गोरखपुर सदर सीट पर बीते 33 साल से बीजेपी का कब्जा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
मौजूदा वक्त में गोरखपुर सदर सीट पर करीब साढ़े चार लाख मतदाता हैं. इनमें करीब ढाई पुरुष और करीब दो लाख महिलाएं शामिल हैं. जातीय समीकरण की बात की जाए तो इस सीट पर करीब 45 हजार से अधिक कायस्थ मतदाता हैं, जबकि 60 हजार ब्राह्मण हैं.

यहां 15 हजार क्षत्रिय और 30 हजार के लगभग मुस्लिम मतदाता हैं. इसके अलावा वैश्य मततदाता की संख्या भी 50 हजार से ज्यादा है. निषाद 35 हजार, दलित 20 हजार तो यादव 15 हजार बताए जाते हैं.

उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होंगे. यूपी में इन चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा. 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे.

क्विंट से बात करते गुए चंद्रशेखर ने गोरखपुर से चुनाव लड़ने की बात की थी, उन्होंने कहा था अगर उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार फिर से बनती है तो इसके जिम्मेदार अखिलेश यादव होंगे. चंद्रशेखर ने क्विंट से बात करते हुए आगे कहा था कि अखिलेश यादव ने मुझसे पूछा कि चुनाव लड़ने का मन है, तो मैंने मना कर दिया, उसके बाद उन्होंने पूछा कि हम चुनाव लड़ाएं? तो मैंने जवाब दिया कि अगर आपका लड़ाने का मन है तो जहां से योगी आदित्यनाथ लड़ेंगे वहां से लड़ा दीजिएगा.

उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मैं समझता हूं कि मेरे साथ ही नहीं, हर उस शख्स के साथ जो जमीन से उठकर आता है और अपने हक, अधिकार और हिस्सेदारी की बात करता है तो उसको इन सब चीजों का सामना करना पड़ रहा है और करना पड़ा होगा. डॉ. अंबेडकर को भी करना पड़ा होगा, मान्यवर काशीराम को भी करना पड़ा होगा. हमारे जो रहबर हैं, हम जिनको नेता मानते हैं उन सबको करना पड़ा होगा. उसी कड़ी में मुझे भी करना पड़ रहा है. हमारे आंदोलन की शुरुआत है, सब लोग इतनी आसानी से तो स्वीकार नहीं करेंगे. परिवर्तन प्रकृति का नियम है, लेकिन स्वीकार नहीं होता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×