कांग्रेस सहित कई मुख्य विपक्षी दल सोमवार को एक बैठक की. बताया जा रहा है कि इस बैठक में आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और क्षेत्रीय समग्र आर्थिक समझौते (आरसीईपी) जैसे मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. इन मुद्दों पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की रणनीति भी तैयार की गई.
विपक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस
सूत्रों के मुताबिक, संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से कुछ दिनों पहले होने जा रही इस बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आरजेडी, वाम दल और कुछ अन्य पार्टियों के नेता शामिल हो सकते हैं.
पवार भी हो सकते हैं शामिल
महाराष्ट्र में चल रही सियासी हलचल के बीच दिल्ली पहुंचे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं. समाजवादी पार्टी और बसपा के इस बैठक में शामिल होने को लेकर संशय बना हुआ है. कांग्रेस की कोशिश है कि आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और आरसीईपी के मुद्दों पर विपक्ष को लामबंद किया जाए.
दिल्ली में होने जा रही इस बैठक में प्रदूषण भी एक बड़ा मुद्दा हो सकता है. जिस पर केंद्र और दिल्ली की केजरीवाल सरकार को घेरने की कोशिश हो सकती है. बता दें कि प्रदूषण के मामले पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
मुख्य विपक्षी पार्टी इन्हीं मुद्दों को लेकर मंगलवार से जिला और प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने जा रही है. अगले महीने कांग्रेस दिल्ली में बड़ी रैली भी करेगी जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.
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