राजस्थान(Rajasthan) के उदयपुर में कांग्रेस नव संकल्प चिंतन शिविर के दूसरे दिन पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने केन्द्र सरकार और बीजेपी की नीतियों पर जमकर हमला बोला. चिदंबरम ने कहा कि ध्रुवीकरण और आर्थिक नीति दोनों अलग-अलग मामले है. ध्रुवीकरण विशुद्ध रूप से राजनीतिक मुद्दा है. लेकिन आर्थिक नीति देश की लाइफ लाइन है. जिसे केन्द्र सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है.
वहीं चिदंबरम ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, देश में पुरातत्व संरक्षण कानून बनाना है. उसके लिहाज से जो पुरी संपदा है, उसको छेड़ने या बदलने की जरूरत नहीं है. नरसिम्हा राव सरकार ने रामजन्मभूमि को छोड़कर इस बात को सुनिश्चित किया था.
केंद्र सरकार पर महंगाई के मुद्दे से भटकाने का आरोप लगाते हुए चिदंबरम ने कहा,
50 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी है. हजारों बच्चों की कुपोषण से मौत हो रही है. दस प्रतिशत लोग भूखमरी झेल रहे हैं. इन पर डिबेट नहीं हो रही है. डिबेट हो रही है लाउडस्पीकर पर, हलाल और झटका मीट पर. हम नफरत और ध्रुवीकरण की राजनीति का विरोध करते हैं. लाउडस्पीकर जैसे मुद्दे प्रशासनिक हिसाब से भी हल हो सकते हैं. लेकिन देश के सामने आज मुख्य मुद्दा भूखमरी और कुपोषण का है उसे लेकर काम होनी चाहिए.
चिदंबरम ने जीएसटी का मुद्दा उठाया
पत्रकार वार्ता में चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियां देश हित में नहीं है. जीएसटी के गलत इंप्लीमेंटेशन की वजह से राज्यों की हालत खराब हो गई है. 78 हजार करोड़ से भी ज्यादा का राज्यों का पैसा केन्द्र के पास है. केंद्र सरकार राज्यों को जीएसटी का पैसा समय पर नहीं दे रही है. आर्थिक मोर्चे पर केंद्र सरकार लगातार गलत कदम उठा रही है.
पी. चिदंबरम ने कहा कि जीएसटी को ठीक ढंग से लागू नहीं किया गया है. जीएसटी का कंपंसेशन पीरियड 30 जून को खत्म हो रहा है. सरकार को उसको तीन साल आगे करने जा रही है. इस पर बहस होनी चाहिए. इसके बाद ही इस पर निर्णय किया जाना चाहिए कि यह लोगों के हित में रहेगा या नहीं? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जीएसटी में राज्य का हिस्सा नहीं लौटा रहा है. इससे राज्य सरकारों का केंद्र सरकार से भरोसा उठ गया है. खासतौर पर गैर भाजपा सरकारों को और परेशान किया जा रहा है.
रोजगार पर सरकार से सवाल
रोजगार को लेकर चिदंबरम ने कहा कि 2019 में हमने केंद्र सरकार में रिक्त वेकैंसी को भरने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 2019 के घोषणापत्र में कहा था हम सरकार में आए तो केंद्र सरकार की 30 लाख खाली पदों को भरेंगे. आज 2022 चल रहा है, केंद्र में मोदी सरकार ने इन पदों को भरा नहीं है बल्कि और पद खाली हो गए हैं.
"युद्ध के कारण गेहूं की समस्या नहीं"
चिंतन शिविर में आर्थिक मसलों की कमेटी के कन्वीनर पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि देश में अनाज को लेकर युक्रेन और रूस के युद्ध को दोषी ठहराया जा रहा है यह पूरी तरह से ठीक नहीं है. इस युद्ध से पहले भी इस तरह के हालात थे. आज महंगाई बढ़ रही है, लेकिन मोदी सरकार के पास कोई तैयारी नहीं, ना ही कोई प्लान है. केंद्र सरकार गेहूं का निर्यात कर रही है .जबकि देश में स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है. गेहूं का निर्यात किसानों के विरोधी कदम है. केंद्र सरकार किसान हितैषी नहीं है.
चिदंबरम ने कहा कि महंगाई की वजह यूक्रेन व रूस के बीच युद्ध को बताया जा रहा है. इसमें हमारा मानना है कि युद्ध अचानक से चालू नहीं हुआ है. कई दिनों से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति थी. तभी हमें महंगाई को नियंत्रण करने की तैयारी करनी थी जो नहीं की गई.
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