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कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी, राहुल गांधी अब भी अपनी बात पर अड़े 

राहुल गांधी के समर्थन में और नई टीम बनाने का मौका देने के लिए अलग-अलग कांग्रेस पदाधिकारी इस्तीफा दे रहे हैं

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लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर राहुल गांधी अड़े हुए हैं. अब उनके समर्थन में और नई टीम बनाने का मौका देने के लिए अलग-अलग कांग्रेस पदाधिकारी इस्तीफा दे रहे हैं. कांग्रेस के कानून और आरटीआई सेल के चेयरमैन विवेक तंखा के इस्तीफे के कुछ घंटों के बाद दिल्ली, मध्य प्रदेश, हरियाणा, तेलंगाना समेत कई राज्यों के कई पदाधिकारियों ने भी अपना-अपना इस्तीफा सौंप डाला. तंखा ने गुरुवार रात को इस्तीफा देते हुए कहा था कि सभी नेताओं को अपने पद छोड़ देने चाहिए ताकि राहुल गांधी अपनी नई टीम बना सकें.

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तन्खा ने ट्वीट कर कहा,

हम सभी को पार्टी पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए और राहुल जी अपनी टीम चुनने के लिए छूट देनी चाहिए. मैं इस संदर्भ में कमल नाथ के बयान का स्वागत करता हूं.

तंखा ने कहा, ''राहुल जी, कृपया पार्टी में नयी जान फूंकने के लिए बदलाव कीजिए. आपके भीतर प्रतिबद्धता और लगन है. मैं हर परिस्थिति में आपके साथ हूं.''

उत्तर पश्चिम दिल्ली से पार्टी के उम्मीदवार रहे राजेश लिलोठिया ने शुक्रवार को दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया. तंखा और लिलोठिया के अलावा, हरियाणा महिला कांग्रेस की प्रमुख सुमित्रा चौहान, मेघालय से पार्टी महासचिव नेट्टा पी. संगमा, पार्टी के महासचिव दीपक बाबरिया, सचिव वीरेंद्र राठौर, छत्तीसगढ़ के सचिव अनिल चौधरी, मध्य प्रदेश के सचिव सुधीर चौधरी और हरियाणा के सचिव सत्यवीर यादव ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुमित्रा चौहान ने पद से इस्तीफा देते हुए कहा है कि वो तब तक कोई पद नहीं लेंगी जब तक राहुल गांधी अपना इस्तीफा वापस नहीं ले लेते हैं.

राहुल गांधी के समर्थन में और नई टीम बनाने का मौका देने के लिए अलग-अलग कांग्रेस पदाधिकारी इस्तीफा दे रहे हैं

बता दें कि कांग्रेस ने शुक्रवार को ही दिल्ली की अपनी सभी 280 ब्लॉक कमेटियों को भंग कर दिया. पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली कांग्रेस प्रमुख शीला दीक्षित ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद घंटे भर के बाद ये फैसला किया.

इसी हफ्ते पार्टी ने यूपी की भी सभी जिला समितियों को भंग कर दिया और लोकसभा चुनाव के दौरान अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के मामलों को देखने के लिए एक तीन सदस्यीय अनुशासन समिति का भी गठन किया है.

25 मई को राहुल गांधी ने की थी इस्तीफे की पेशकश

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. हालांकि कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें बदलाव के लिए अधिकृत किया था. इसके बाद से गांधी लगातार इस्तीफे की पेशकश पर अड़े हुए हैं. गुरुवार को भी राहुल गांधी ने पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल से ये साफ किया था कि वो अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे.हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे आग्रह किया है कि वो कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें.

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